
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर किया है. आजादी के बाद देश में गांवों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया. ग्रामीण लोगों की अनदेखी कर उनका भरोसा तोड़ा गया. मगर, वर्ष 2014 के बाद ग्रामीण इलाकों के विकास की तस्वीर बदली है.
प्रधानमंत्री ने सोमवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के रीवा में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस कार्यक्रम में देशभर के 30 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया. इस दौरान मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि देश की आजादी के बाद जिस दल ने सबसे ज्यादा समय तक सरकार चलाई, उसने गांवों की अनदेखी की है. कांग्रेस शासन के दौरान गांवों में सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य और बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को सरकारी प्राथमिकता में सबसे निचले पायदान पर रखा गया.
PM मोदी ने कहा, ‘‘ आजादी के बाद जिस दल ने सबसे ज्यादा समय तक सरकार चलाई उसने ही गांव के लोगों का भरोसा तोड़ दिया. गांव में रहने वाले लोगों, सड़कों, भंडार के स्थानों, स्कूलों ,बिजली, अर्थव्यवस्था सभी को कांग्रेस शासन के दौरान सरकारी प्राथमिकता में सबसे नीचे की पायदान पर रखा गया. देश की आधी से ज्यादा आबादी जिन गांवों में रहती है, उन गांवों के साथ इस तरह सौतेला व्यवहार कर देश आगे नहीं बढ़ सकता है. ” मोदी ने कहा, ‘‘ पहले की सरकारें गांवों के लिए पैसा खर्च करने में हिचकिचाती थीं क्योंकि वे वोट बैंक नहीं थे, इसलिए उनकी उपेक्षा की गई. कई राजनीतिक दल गांव के लोगों को बांट कर अपनी दुकान चला रहे थे.”
30 हजार से ज्यादा नए पंचायत भवन बने प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले के 10 वर्षों में तत्कालीन केंद्र सरकारों की मदद से करीब 6,000 पंचायत भवनों का निर्माण किया गया था. मगर, भाजपा नीत सरकार ने आठ साल के भीतर 30 हजार से अधिक नए पंचायत भवनों का निर्माण कराया है.
40 करोड़ से अधिक खाते खोले मोदी ने कहा कि देश के गांवों में अब बैंक संचालित हो रहे हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में खेती किसानी और कारोबार करने में मदद मिल रही है. केंद्र की जन-धन योजना के तहत गांवों में 40 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से गांवों तक बैंकों की पहुंच बढ़ाई है.
गांवों की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को विकसित बनाने के लिए गांवों की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी है. यह तभी संभव है, जब पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त किया जाए. मौजूदा केंद्र सरकार इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही है.