
साहिबगंज: झारखंड के साहिबगंज में आदिवासी युवती रेबिका पहाड़िन की जघन्य हत्या के आरोपी मो. मुस्तकिम अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया है। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र की बेंच ने गुरुवार को आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट ने भी आरोपी की जमानत याचिकाओं को निरस्त किया था।
16 दिसंबर 2022 को हुई थी हत्या
यह दिल दहला देने वाली घटना 16 दिसंबर 2022 को साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र में घटी। रेबिका पहाड़िन, जो आदिम पहाड़िया जनजाति से थी, की हत्या उसके पति दिलदार अंसारी और उसके परिवार ने की थी। दिलदार और रेबिका की शादी महज डेढ़ महीने पहले ही हुई थी, लेकिन इसके बाद दिलदार और उसके परिवार के लोग रेबिका से खुश नहीं थे। हत्या के बाद, रेबिका के शव के 50 टुकड़े किए गए, जो विभिन्न स्थानों पर फेंके गए थे। यह मामला तब सामने आया, जब कुत्ते शव के टुकड़े खा रहे थे।
आरोपियों की गिरफ्तारी और जमानत की स्थिति
मामले के बाद पुलिस ने दिलदार अंसारी, उसके पिता मो. मुस्तकिम अंसारी, मां मरियम खातून, पहली पत्नी गुलेरा अंसारी, भाई अमीर अंसारी, महताब अंसारी, बहन सरेजा खातून सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मास्टरमाइंड मोइनुल अंसारी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। कुछ आरोपियों को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन अन्य आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं।
ख़त्म होती नफ़रत, शुरू होती क्रूरता
दिलदार अंसारी और रेबिका पहाड़िन के बीच कई सालों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। हालांकि दिलदार पहले से शादीशुदा था, जिसके कारण उसके परिवारवाले नाराज थे। इसके चलते दिलदार ने रेबिका को एक अलग मकान में रख लिया था। एक दिन दिलदार की मां मरियम खातून ने रेबिका को अपने भाई मोइनुल अंसारी के घर भेज दिया, जहां उसकी हत्या कर दी गई और शव को टुकड़े-टुकड़े कर विभिन्न स्थानों पर फेंक दिया गया।