राजधानी दिल्ली में केंद्रीय विद्यालय के वॉशरूम में 11 साल की छात्रा से वहीं के दो सीनियर छात्रों ने कथितरूप से गैंगरेप किया था. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस के साथ ही प्रिंसिपल को नोटिस भेजा है. उधर, केंद्रीय विद्यालय संगठन के रीजनल ऑफिस ने भी मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
सूत्रों के मुताबिक घटना जुलाई माह की बताई जा रही है. दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू ) द्वारा इस मामले को संज्ञान में लाने के बाद पीड़ित परिवार ने इस सप्ताह की शुरूआत में पुलिस से संपर्क किया. सूत्रों ने बताया कि डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले के सिलसिले में दिल्ली पुलिस और स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया है.
लड़की ने आरोप लगाया है कि जुलाई में दो सीनियर्स द्वारा उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. लड़की के अनुसार, वह अपनी कक्षा में जा रही थी जब वह गलती से 11 वीं-12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले दो लड़कों से टकरा गई. लड़की ने कहा कि उसने माफी मांगी , लेकिन उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे एक वॉशरूम के अंदर ले गए. उसने आरोप लगाया कि लड़कों ने वॉशरूम को अंदर से बंद कर दिया और उसके साथ बलात्कार किया.
पीड़िता ने कहा कि जब उसने घटना के बारे में एक शिक्षक को सूचित किया, तो उसे बताया गया कि लड़कों को निष्कासित कर दिया गया है यानी मामले को कथित तौर पर दबा दिया गया. इसी बीच डीसीडब्ल्यू को घटना की जानकारी हुई और मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मालीवाल ने दिल्ली पुलिस और स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने दिल्ली पुलिस से प्राथमिकी की एक प्रति और मामले में की गई गिरफ्तारियों का विवरण उपलब्ध कराने को कहा है. दिल्ली पुलिस और स्कूल के अधिकारियों से स्कूल शिक्षक या किसी अन्य स्टाफ के खिलाफ पुलिस को मामले की रिपोर्ट नहीं करने के लिए की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने के लिए भी कहा है.
मालीवाल के मुताबिक, लड़की ने आरोप लगाया है कि उसके स्कूल टीचर ने मामले को दबाने की कोशिश की. आयोग ने स्कूल के प्रधानाध्यापक से यह बताने के लिए कहा है कि स्कूल अधिकारियों को इस मामले के बारे में कब पता चला और उनके द्वारा क्या कार्रवाई की गई. आयोग ने स्कूल से मामले में की गई जांच रिपोर्ट की एक प्रति प्रस्तुत करने को भी कहा है.
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने भी दिए जांच के आदेश
केंद्रीय विद्यालय संगठन के अधिकारियों ने कहा कि पीड़िता या उसके माता-पिता ने मामले की जानकारी स्कूल के प्रिंसिपल को नहीं दी थी. यह मामला पुलिस की जांच शुरू होने के बाद उनकी जानकारी में आया है. घटना के बाद हुई पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग में भी इस मामले को पीड़िता या उसके माता-पिता ने नहीं उठाया था.