नई दिल्ली. ठोस एवं तरल कचरा का समुचित प्रबंधन नहीं किए जाने पर एनजीटी ने गुरुवार को कड़ा रुख अपनाते हुए महाराष्ट्र सरकार पर 12 हजार करोड़ रुपये का पर्यावरण हर्जाना लगाया है. ट्रिब्यूनल ने राज्य में ठोस एवं तरल कचरा का तय नियमों के तहत उचित निस्तारण नहीं होने से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बदले में यह हर्जाना लगाया है.
एनजीटी प्रमुख जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने यह आदेश दिया है. पीठ ने कहा है कित राज्य में ठोस एवं तरल कचरा का निपटान का समुचित प्रबंध नहीं होने से पर्यावरण को लगातार हो रहे नुकसान को दूर करने और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए हर्जाना लगाना जरूरी हो गया. पीठ ने कहा है कि पिछले आठ साल से ठोस कचरा प्रबंधन के लिए पारित आदेशों और पांच साल से तरल कचरा प्रबंधन के लिए पारित आदेशों की निर्धारित समयसीमा समाप्त होने के बाद भी कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा है.
पीठ ने कहा कि पर्यावरण के निरंतर नुकसान को रोकने की आवश्यकता है, पिछले नुकसान में सुधार आवश्यक है. एनजीटी ने महाराष्ट्र सरकार को 12 हजार करोड़ रुपये पर्यावरण हर्जाने के तौर पर एक अलग रिंग-फेंस्ड खाते में जमा कराने का निर्देश दिया है.