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मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर किया था शिकार, बाघ और तेंदुआ की खाल के साथ 6 गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के चांदनी बिहारपुर इलाके में तेंदुआ और बाघ का शिकार कर खाल बेचने की कोशिश कर रहे 6 आरोपियों को वन विभाग की टीम ने पकड़ा है. 5 अन्य आरोपी फरार हैं. तेंदुए और बाघ का शिकार मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ के सरहदी जंगलों में खाल और दांतों के लिए किया गया था. वन विभाग द्वारा सोमवार को सभी 6 आरोपियों को सूरजपुर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है. छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों के शिकार और तस्करी का मामला लगातार सुर्खियों में है. सुरक्षा की बात कहने वाले वन अफसरों के दावों की हकीकत धरातल पर गायब है.

सूरजपुर डीएफओ संजय यादव ने बताया कि वन परिक्षेत्र बिहारपुर अंतर्गत मुखबिर से सूचना मिली थी कि चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में बाघ के खाल की बिक्री ग्रामीणों द्वारा की जा रही है, जिसमें मध्यप्रदेश के कुछ लोग भी शामिल हैं. सूचना पर एडिशनल डायरेक्टर, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो जबलपुर (मप्र) रीजनल डिप्टी डायरेक्टर, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो जबलपुर (मप्र) वनमण्डलाधिकारी, वनमण्डल सिंगरौली (मप्र) उप वन मण्डलाधिकारी सिंगरौली (मप्र) वनपरिक्षेत्र माड़ा (मप्र), उप वनमण्डलाधिकारी ओडग़ी, वन परिक्षेत्राधिकारी बिहारपुर, कुदरगढ़ एवं वनकर्मियों द्वारा संयुक्त कार्रवाई की गई. बता दें कि सप्ताहभर पहले कांकेर जिले में बाघ के खाल की तस्करी करते 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.

वन विभाग की टीम ने 3 आरोपियों को बाघ की खाल के साथ गिरफ्तार किया. उनकी निशानदेही पर 3 अन्य तस्कर तेंदुए की खाल के साथ ओड़गी क्षेत्र के ग्राम अवंतिकापुर से पकड़ लिए गए. संयुक्त टीम द्वारा फिलहाल 6 तस्करों को गिरफ्तार कर सूरजपुर न्यायालय में पेश कर जेल दाखिल कर दिया गया है. इस मामले के 5 अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं. वन विभाग ने अभी आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है. पकड़े गए आरोपी ग्राम नवगई, छतरंग, लुल्ह व उमझर के बताए गए हैं. वन फरार आरोपियों को गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई गई है.

वनविभाग द्वारा पकड़े गए आरोपी यह नहीं बता पाए कि बाघ एवं तेंदुए का शिकार कहां किया गया है. मध्यप्रदेश के सिंगरौली और छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के सरहदी क्षेत्र के जंगलों में बड़ी संख्या में बाघ एवं तेंदुए विचरण करते हैं. माना जा रहा है कि शिकार में बड़ा रैकेट शामिल है. आरोपियों द्वारा भुंडा के एक ग्रामीण से उक्त खाल खरीदा गया था. खाल बेचने के फिराक में 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. वन विभाग के अनुसार अन्य आरोपियों के पकड़े जाने के बाद यह पता चल पाएगा कि कब और कहां इन वन्य प्राणियों का शिकार किया गया था.

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