नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुरुष मित्र के साथ स्वेच्छा से लिवइन में रहने वाली महिला रिश्तों में तल्खी आने के बाद दुष्कर्म का केस नहीं दर्ज कर सकती.
जस्टिस हेमंत गुप्ता और विक्रम नाथ की पीठ ने दुष्कर्म अप्राकृतिक अपराधों और आपराधिक धमकी के आरोपी अंसार मोहम्मद को अग्रिम जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा शिकायतकर्ता स्वेच्छा से अपीलकर्ता के साथ रह रही है और संबंध रखती है. इसलिए अब संबंध नहीं चल रहा है, तो यह धारा 376 (2, एन) आईपीसी के तहत अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता. अदालत ने अपील की अनुमति देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें अपीलकर्ता को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार किया गया था. राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत के लिए आवेदन को खारिज करने के बाद मोहम्मद ने शीर्ष कोर्ट का रुख किया था. कोर्ट ने कहा, शिकायतकर्ता ने स्वीकार किया है कि वह अपीलकर्ता के साथ चार साल से रिश्ते में थी. इसी को ध्यान में रख अग्रिम जमानत का फैसला किया.
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