अतीक और अशरफ के आरोपी हत्या का राज खोलने को राजी

प्रयागराज पुलिस अभिरक्षा में 15 अप्रैल की रात माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपी हत्या का राज खोलने को राजी हो गए हैं. तीनों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दी अर्जी में यह बात कही है.
एसआईटी की अर्जी में कहा गया है कि तीनों हत्यारोपितों को घटनास्थल से ही पकड़ लिया गया था. हत्या में प्रयोग असलहे बरामद हो गए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला में हो रही है.
अर्जी के अनुसार, असलहा आरोपितों को कैसे प्राप्त हुआ, इसके आपूर्तिकर्ता के बारे में आरोपियों ने एसआईटी को बताया है. इन्हें असलहा चलाने की ट्रेनिंग कहां पर और किन व्यक्तियों या संस्था की ओर से दी गई. इसका खुलासा होना आवश्यक है. इन तर्कों के साथ एसआईटी ने हत्यारोपियों लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य को सात दिन के लिए अभिरक्षा में सौंपे जाने की मांग की थी.
23 तक एसआईटी की अभिरक्षा में रहेंगे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने एसआईटी की अर्जी पर अभियोजन अधिकारी अतुल्य कुमार द्विवेदी, प्रदीप वर्मा और संयुक्त निदेशक अभियोजन विश्वनाथ त्रिपाठी के कानूनी तर्कों को सुना. एसआईटी की ओर से उपलब्ध कराए गए विवेचना में संकलित साक्ष्यों और उच्चतम न्यायालय की नजीरों को विचार में रखते हुए तीनों को 23 अप्रैल की शाम तक एसआईटी की अभिरक्षा में सौंपने का आदेश दिया है.
तीनों से पूछताछ न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि तीनों के साथ पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री का प्रयोग नहीं किया जाएगा. प्रताड़ना भी नहीं की जाएगी. अदालत के आदेश के बाद तीनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में पुलिस लाइन लाया गया. जहां एसआईटी ने तीनों से कई घंटे तक पूछताछ की. तीनों से पहले अलग-अलग फिर साथ बैठाकर पूछताछ की गई.
सुरक्षा में लापरवाही पर 5पुलिसकर्मी निलंबित
पुलिस हिरासत में हुई माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ की हत्या के दौरान सुरक्षा घेरे में लगे पुलिसकर्मियों की घोर लापरवाही सामने आई है. एसआईटी की रिपोर्ट पर सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर एसओ समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं.