नई दिल्ली. एम्स के एक वरिष्ठ प्रोफेसर पर पैसे लेकर मरीज की सर्जरी करने का आरोप लगा है. प्रसूति रोग विभाग के प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत एम्स के ही सुरक्षा गार्ड ने की है. मामला संज्ञान में आने पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स से रिपोर्ट तलब की.
एम्स ने चार प्रोफेसर की सदस्य वाली जांच समिति गठित की है, जिसने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी है. अस्पताल प्रशासन ने रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है. सुरक्षा गार्ड ने बताया कि गायनीकोलॉजी विभाग में उसकी बेटी के ट्यूमर की सर्जरी होनी थी. प्रोफेसर ने बताया कि ट्यूमर का ऑपरेशन करना पड़ेगा. इसमें 36000 रुपये खर्च होंगे और यह पैसा नकद देना होगा. उसने आरोपी प्रोफेसर को टीचिंग ब्लॉक चैंबर की तीसरी मंजिल पर रुपये दे दिए और जब रसीद मांगी तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया. गार्ड ने बताया कि बेटी की सर्जरी जरूरी थी इसलिए मैंने पैसे दिए.
जांच समिति ने रिपोर्ट में लिखा है कि शिकायकर्ता के आरोपों में दम है पैसे लेकर सर्जरी के आरोपों से इनकार नहीं किया जा सकता है. समिति ने कुछ अन्य मरीजों से बात की तो एक और मरीज ने यह बात मानी कि डॉक्टर ने सर्जरी के लिए पैसे मांगे हैं.
शिकायत के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय सख्त
मामले की शिकायत आने के बाद से ही मंत्रालय ने एम्स प्रशासन को सख्ती से जांच करने के लिए कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भ्रष्टाचार और कामचोरी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है. इसे देखते हुए एम्स ने तुरंत मामले की जांच कर रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी है.