रायपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिल्ली में शुक्रवार को जारी की गई नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की मेडिकल कालेज की श्रेणी में 49वां स्थान प्राप्त हुआ है। मध्य भारत में एम्स रायपुर ही एकमात्र चिकित्सा संस्थान रहा जिसे देशभर के चुनिंदा 50 चिकित्सा संस्थानों में यह स्थान प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग से एम्स में विशेष उत्साह है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा दिल्ली में जारी रैंकिंग में विभिन्न श्रेणियों में उच्च शिक्षण संस्थानों को विभिन्न रैंकिंग प्रदान की गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा इसमें विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कालेज, प्रबंधन, फार्मेसी, डेंटल, विधि और अन्य वर्गों के उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग दी गई है। एम्स रायपुर को 47.44 स्कोर के साथ प्रथम 50 चिकित्सा संस्थानों में 49वां स्थान प्राप्त हुआ है। स्थापना के बाद पहली बार एम्स रायपुर को रैंकिंग में स्थान मिला है।
एनआईआरएफ रैंकिंग विभिन्न पैरामीटर्स पर आधारित होती है जिसमें शिक्षण-अध्ययन के संसाधन, अनुसंधान और प्रोफेशनल प्रेक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम, आउटरीच और समेकित नीतियां और बेहतर छवि शामिल हैं। एम्स रायपुर को इन पैरामीटर्स के विभिन्न भागों छात्रों की अधिक संख्या, छात्र-शिक्षक अनुपात, पीएचडी और अधिक अनुभव के शिक्षक, विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों की उपस्थिति, महिलाओं की भागीदारी और परीक्षा के लिए सबसे अधिक अंक मिले हैं।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने राष्ट्रीय स्तर पर इस उपलब्धि के लिए एम्स के सभी वर्गों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि अध्ययन और अनुसंधान में बेहतर प्रयासों से अब एम्स रायपुर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। हाल ही में जारी विभिन्न रैंकिंग में एम्स ने अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज की है। उन्होंने कहा कि शोध और अनुसंधान के साथ बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की वजह से एम्स को यह उपलब्धि मिली है। उन्होंने भविष्य में और बेहतर रैंकिंग के लिए भी सभी को प्रोत्साहित किया है।