अमृतसर . अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह ने सोमवार को राज्य सरकार को उन सभी सिख युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जिन्हें कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के लिए सरकार की निंदा की।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह ने सोमवार को सिख संगठनों की एक विशेष सभा बुलाई थी। इसमें बुद्धिजीवियों, सिख वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेताओं सहित पंजाब के तत्वों के खिलाफ 18 मार्च की कार्रवाई के बाद पंजाब की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई थी। सभा में जत्थेदार ने कहा कि पंजाब सरकार सभी सिख युवकों को 24 घंटे में रिहा करे, अन्यथा सिख समुदाय का गुस्सा उबलता रहेगा।
ज्ञानी हरपीत सिंह ने कुछ टीवी चैनलों पर हमला किया। उन्होंने चैनलों पर उन युवाओं को अलगाववादी बताकर सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया। जत्थेदार ने राज्य सरकार से एनएसए के तहत कुछ लोगों की हिरासत को रद्द करने के लिए कहा। उन्होंने मांग रखी कि जिन लोगों को असम में डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है उन्हें पंजाब वापस लाया जाना चाहिए, ताकि कानून अपना काम कर सके।
ज्ञानी हरपीत सिंह ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि हिरासत में लिए गए सिखों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। किसी का नाम लिए बिना कहा कि ‘हिंदू राष्ट्र’ की बात करने वालों के खिलाफ भी एनएसए लगाया जाना चाहिए। कहा कि वह उन ‘निर्दोष सिखों’ की पूरी मदद करेंगे जिन्हें इस मामले में पकड़ा गया है।
जत्थेदार ने दावा किया कि लगभग 400 सिख युवकों को गिरफ्तार किया गया था और 198 को रिहा कर दिया गया। लेकिन सिख समुदाय सभी गिरफ्तार सिखों की रिहाई चाहता है। उन्होंने पुलिस से सिखों के जब्त वाहनों को छोड़ने के लिए भी कहा। इसके साथ ही उन्होंने अमृतपाल को सरेंडर करने की बात कही।