श्रद्धा हत्याकांड में आरोपपत्र सभी मीडिया चैनलों पर प्रसारण-प्रकाशन पर रोक लगा दी

उच्च न्यायालय ने बुधवार को श्रद्धा वाकर हत्याकांड में सभी मीडिया चैनलों को आरोपपत्र की सामग्री के प्रकाशन और प्रसारण करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल याचिका पर यह निर्देश दिया है.
जस्टिस रजनीश भटनागर ने मामले में केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि पुलिस की इस याचिका का निपटारा होने तक कोई भी चैनल आरोपपत्र की सामग्री के बारे में खबर नहीं चलाने पाएं. दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने याचिका में आरोपपत्र और मामले में जांच के दौरान एकत्र की गई अन्य सामग्री से जुड़ी गोपनीय जानकारी को मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित और प्रसारित करने से रोकने का अनुरोध किया था. मामले की अगली सुनवाई तीन अगस्त को होगी. दक्षिणी दिल्ली में पिछले साल वारदात हुई थी.
तीन अगस्त को होगी अगली सुनवाई
अमित प्रसाद ने कहा कि अन्य सभी चैनलों को भी मामले से जुड़ी गोपनीय जानकारी प्रकाशित या प्रसारित किए जाने से रोकने का आदेश पारित किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वीडियो दूसरों के साथ शेयर किया गया हो और अगर इसे दिखाया जाता है तो इससे मामले पर जरूर प्रभाव पड़ेगा. हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तीन अगस्त के लिए निश्चित की है.
दिल्ली के महरौली इलाके में पूनावाला ने पिछले साल 18 मई को अपनी ‘‘लिव इन पार्टनर’’ श्रद्धा वालकर की हत्या कर दी थी. आफताब पूनावाला ने वालकर के शव के लगभग 35 टुकड़े कर उन्हें लगभग तीन हफ्ते तक फ्रिज में रखा था. इसके बाद उसने उन्हें दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में फेंक दिया था. इस मामले में पुलिस ने 24 जनवरी को 6,629 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था.