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जी-7 की बैठक से पहले जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा पर हमले ने बढ़ाई चिंता     

जापानी पीएम फुमियो किशिदा पर ये हमला ऐसे समय हुआ है, जब जापान में विश्व के शीर्ष देशों जी-7 की एक बड़ी बैठक होनी है, इससे जापान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. किशिदा पर हुए हमले के बाद पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या की घटना ताजा हो गई. हमलें में शिंजो आबे की मौत हो गई थी. ये दूसरी बार है जब शीर्ष नेता पर जानलेवा हमला किया गया है.

हमले के बाद भी जापानी पीएम ने अपना चुनाव प्रचार कार्यक्रम नहीं रोका और उसे जारी रखा. अगले सप्ताह पांच सीटों पर उपचुनाव होने हैं, इसमें एक सीट वो भी है जो आबे की मौत के बाद खाली हुई थी. इस घटना में एक पुलिसकर्मी मामूली रूप से घायल हुआ है. हमले के बाद आरोपी को दबोच लिया गया. पुलिस दबोचे गए आरोपी से पूछताछ कर पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हमले के पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश तो नहीं है. हाल के दिनों में जापान का रूस और चीन से तनाव बढ़ा है, ऐसे में हर एंगल से जांच की जा रही है. कैबिनेट मंत्री हिरोकाजु मात्सुनो ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया हो गया धुआं ही धुआं एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि किशिदा के भाषण के समय वह मौके पर थी. तभी उनके पीछे से कुछ कोई चीज पीएम की ओर फेंकी गई और उसमें धमाका हो गया. धमाका होते ही चारों और धुआं-धुआं हो गया.

जापान मे होनी है जी-7 देशों की बैठक कैबिनेट मंत्री मात्सुनो ने कहा कि जापान में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. किशिदा अपने गृह नगर हिरोशिमा में 19 से 21 मई को जी-7 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे.

सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी

नेशनल पुलिस द्वारा कराए गए ऑनलाइन सर्वे में पता चला है कि लोग जापान में सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. शिंजो आबे की हत्या के बाद लोगों का मानना है कि पिछले दस साल में जापान में सुरक्षित माहौल में गिरावट देखी गई है.

सुरक्षा के लिए अलग इकाई

जापान में पीएम से लेकर नेताओं और विदेशी हस्तियों के सुरक्षा की जिम्मेदारी जापान सिक्योरिटी पुलिस के पास है. सिक्योरिटी पुलिस के गठन को लेकर चर्चा तब शुरू हुई जब जापान में अमेरिकी राजनयिक एडविन ओ रेसेचौर को 1964 में मारने की कोशिश हुई थी.

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