धनबाद, 28 जुलाई धनबाद के बहुचर्चित जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने ऑटो से टक्कर मारकर जज की जान लेने वाले लखन वर्मा और राहुल वर्मा को आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत दोषी करार दिया है. उनकी सजा के बिंदु पर फैसला सुनाने के लिए आगामी 6 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है. सनद रहे कि धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की हत्या ठीक एक साल पहले यानी 28 जुलाई 2021 को उस वक्त कर दी गयी थी, जब वह मॉनिर्ंग वॉक पर निकले थे. झारखंड सरकार की सिफारिश पर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट ने भी जज की हत्या को बेहद गंभीर मामला बताते हुए इसपर स्वत: संज्ञान लिया था.
धनबाद के सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने इस हत्याकांड का स्पीडी ट्रायल किया. सीबीआई ने इस मामले में 20 अक्तूबर 2021 को लखन और राहुल के खिलाफ भादवि की धारा 302/201/34 के तहत अदालत में आरोप पत्र समर्पित चार्जशीट पेश किया था. इसके बाद मामले के ट्रायल के दौरान सीबीआई की ओर से कुल 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया था. सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज उत्तम आनंद को टक्कर मारी थी जिनसे उनकी मौत हुई.
गौरतलब है कि 28 जुलाई 2021 की सुबह करीब 5 बजे एडीजे उत्तम आनंद अपने घर से मॉनिर्ंग वॉक के लिए निकले थे. वे सड़क के किनारे वॉक कर रहे थे, तब धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर 5 बजकर 8 मिनट पर एक ऑटो ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी. इस घटना में एडीजे की मौके पर ही मौत हो गई थी. पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी. घटना के फुटेज में दिखाई दिया था कि सड़क पर सीधे चल रहे ऑटो ने किनारे पर जाकर एडीजे को टक्कर मारी थी. बाद में पुलिस ने अगले ही दिन ऑटो चला रहे लखन और उसके सहयोगी राहुल को गिरफ्तार कर लिया था.
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ के क्राइम ब्रांच के स्पेशल पीपी अमित जिंदल ने अपनी दलील में कहा कि जज की हत्या एक्सीडेंटल नहीं, बल्कि इंटेशनल थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर फोरेंसिक रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज, थ्रीडी इमेज और वीडियो फुटेज इस बात की पुष्टि करते हैं कि दोनों आरोपितों लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने मोबाइल छीनने के लिए जानबूझकर जज को आटो से ठोकर मारी. उन्होंने कहा कि गवाहों के बयान से यह बात स्पष्ट हो गई है कि घटना के समय आटो को लखन वर्मा चला रहा था तथा राहुल वर्मा उसकी बगल वाली सीट पर बैठा था. गवाहों ने दोनों की पहचान भी की है. वहीं बचाव पक्ष के अधिक्ता कुमार विमलेंदु ने गवाहों का हवाला देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से दुर्घटना का मामला बनता है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने लखन वर्मा और राहुल वर्मा को दोषी माना है.