उत्तरी बांग्लादेश में दो दिन पहले सदियों पुराने मंदिर के दर्शन के लिये हिंदू श्रद्धालुओं को लेकर जा रही एक नौका के पलटने की घटना में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 64 हो गई है. हालांकि, 20 यात्री अब भी लापता हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इन नाव में 150 से अधिक लोग सवार थे और रविवार को दुर्गा पूजा उत्सव में शामिल होने जा रहे थे. इसी दौरान नौका हादसे का शिकार हो गई. श्रद्धालु पानी में डूबने लगे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि हिंदू श्रद्धालुओं से भरी नौका पलटने की घटना महज हादसा थी या कोई बड़ी साजिश! गौरतलब है कि रविवार को दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत से पूर्व महालया के मौके पर हिंदू श्रद्धालु बोदेश्वरी मंदिर जा रहे थे, तभी देश के उत्तर-पश्चिमी पंचगढ़ जिले में कोरोटो नदी में, उन्हें ले जा रही नौका पलट गई. बचाव कार्य भी जिस तेजी से किया जाना था, उस अनुसार नहीं किया गया. अगर तत्काल बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया होता तो कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी.
‘ढाका ट्रिब्यून अखबार’ के अनुसार, स्थानीय अधिकारियों द्वारा तीसरे दिन बचाव के प्रयास तेज किया. इसके बाद, मंगलवार सुबह देबीगंज और बोडा उपजिला से 14 और शव बरामद किए गए. ‘बीडीन्यूज24 डॉटकॉम’ ने पंचगढ़ के अतिरिक्त उपायुक्त दीपांकर रॉय के हवाले से कहा कि पिछले दो दिनों में 50 शव बरामद करने के बाद बचाव दल ने मंगलवार को तलाशी अभियान फिर से शुरू किया. प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि नाव में 150 से अधिक यात्री सवार थे. कुछ लोग तैरकर नदी के किनारे वापस चले गये, लेकिन कई अभी भी लापता हैं. ‘ढाका ट्रिब्यून अखबार’ ने जांच निकाय के प्रमुख रॉय के हवाले से कहा, ”शुरुआती जांच के मुताबिक, नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे.
बताया जा रहा है कि नाव में हिंदू परिवार ही सवार थे. पिछले दिनों से जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदू और मुस्लिम के बीच तनाव की खबरें आ रही हैं. ऐसे में नौका हादसे में साजिश की बू भी आ रही है. हालांकि यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा. मगर परिवारजन तरह-तरह की आशंका जाहिर कर रहे हैं. कई हिंदुओं का तो पूरा परिवार ही बच्चों समेत नदी में डूब गया.