अक्सर लोग सड़क पर ट्रैफिक देखकर यही कहते हैं कि अब हर किसी के पास कार और बाइक आ गई है, लेकिन ऐसा नहीं है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में 140 करोड़ की आबादी में केवल 7.5% परिवारों के पास ही कार है। ये आंकड़े 2019-2020 में किए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के हैं। इसके पहले 2018 में केवल छह फीसदी परिवारों के पास ही कार थी। आंकड़ों के अनुसार गोवा में 45 फीसदी परिवार के पास कार है, वहीं देखा जाए तो बिहार में सबसे कम 2 फीसदी परिवार के पास कार हैं। राजधानी दिल्ली में रहने वाले 19.4 फीसदी परिवारों के पास अपनी खुद की कार है। हरियाणा में 15.3 फीसदी, राजस्थान में 8.2 फीसदी, गुजरात में 10.9 फीसदी, महाराष्ट्र में 8.7 फीसदी, उत्तराखंड में 12.7 फीसदी परिवारों के पास कार है।
देश में करीब 49.7 फीसदी परिवार के पास अपना खुद का दो पहिया वाहन है। अगर थोड़ा और आसानी से समझा जाए तो देश में रहने वाले 25 करोड़ परिवार में 12 करोड़ से ज्यादा परिवार के पास बाइक या दो पहिया वाहन हैं। सबसे ज्यादा गोवा के 86.7 फीसदी परिवार ऐसे हैं जिनके पास दो पहिया वाहन है। दूसरे नंबर पर पंजाब है। यहां के 75.6 फीसदी परिवार ऐसे हैं जिनके पास कोई न कोई दो पहिया वाहन जरूर है।