नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है. वो महिला कर्मचारी जिन्होंने जन्म देने के तुरंत बाद अपना पहला बच्चा खो दिया है, उन्हें अब 60 दिन विशेष मातृत्व अवकाश की अनुमति दी जाएगी. केंद्र ने शुक्रवार को अपने नवीनतम आदेश में ये बात कही है.
आदेश में क्या कहा गया?
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मुताबिक, जन्म के तुरंत बाद बच्चे के मृत्यु के कारण होने वाले संभावित भावनात्मक आघात को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है. डीओपीटी ने कहा कि उसे जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु के मामले में छुट्टी/मातृत्व अवकाश के संबंध में कई प्रश्न मिल रहे हैं.
डीओपीटी ने अपने आदेश में कहा, इस मामले पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से सलाह ली गई. अब यह निर्णय लिया गया है कि एक महिला सरकारी कर्मचारी को 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश दिया जाए.
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों को जारी आदेश में कहा गया है कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु की स्थिति को जन्म के 28 दिन बाद तक परिभाषित किया जा सकता है. डीओपीटी ने कहा कि 28 हफ्ते के गर्भ में या उसके बाद जीवन के कोई लक्षण नहीं पैदा होने वाले बच्चे को मृत जन्म के रूप में परिभाषित किया जा सकता है.
विशेष मातृत्व अवकाश का लाभ केवल दो से कम जीवित बच्चों वाली महिला केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और केवल अधिकृत अस्पताल में प्रसव के लिए स्वीकार्य होगा. अधिकृत अस्पताल को केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत सूचीबद्ध सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल के रूप में परिभाषित किया गया है. आदेश में कहा गया है कि गैर-सूचीबद्ध निजी अस्पताल में आपातकालीन प्रसव के मामले में आपातकालीन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है.