नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी वक्त से स्थिर बनी हुई हैं. उसमें किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है. पिछले कई महीनों से पेट्रोल और डीजल के दाम न तो बढ़े हैं और न ही घटे हैं. हालांकि दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में गिरावट देखी गई है. इस बीच सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दरों में कमी के साथ देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (Windfall Tax) में कटौती की है. साथ ही डीजल और विमान ईंधन के निर्यात पर लगने वाला शुल्क भी कम किया गया है.
सरकार ने पांचवें पखवाड़े की समीक्षा में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर 13,300 रुपये प्रति टन से घटाकर 10,500 रुपये प्रति टन कर दिया. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार डीजल के निर्यात पर शुल्क 13.5 रुपये प्रति लीटर से कम कर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.
6 महीने के निचले स्तर पर कीमतें
साथ ही विमान ईंधन निर्यात पर शुल्क नौ रुपये प्रति लीटर से कम कर पांच रुपये लीटर कर दिया गया है. नई दरें 17 सितंबर से प्रभाव में आएंगी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटकर छह महीने के निचले स्तर पर आ गए हैं. इसके कारण अप्रत्याशित लाभ कर में कमी की गई है.
अप्रत्याशित लाभ पर कर
भारत द्वारा खरीदे जाने वाले कच्चे तेल का औसत मूल्य सितंबर में 92.67 डॉलर प्रति बैरल रहा जो पिछले महीने में 97.40 डॉलर प्रति बैरल था. भारत ने सबसे पहले एक जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था. इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हुआ, जो ऊर्जा कंपनियों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ पर कर लगा रहे थे. हालांकि, उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम नरम हुए हैं. इससे तेल उत्पादकों और रिफाइनरियों दोनों के लाभ मार्जिन पर असर हुआ.