ईडी के शिकंजे में फंसा दुर्ग का बड़ा उद्योगपति

प्रवर्तन निदेशालय ने दुर्ग के एक बड़े उद्योगपति अभय नरेंद्र लोढ़ा को गिरफ्तार कर लिया है. अभय मेसर्स टॉपवर्थ स्टील्स एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर और प्रबंध निदेशक है. पीएमएलए कोर्ट, मुंबई ने अभय नरेंद्र लोढ़ा को 08.सितंबर तक ईडी को हिरासत में दे दिया है. अभय नरेंद्र लोढ़ा का प्लांट बोरई औद्योगिक क्षेत्र ग्राम रसमड़ा जिला दुर्ग में है. ईडी के स्टेटमेंट में यह जानकारी दी गई है.
ईडी ने मेसर्स टॉपवर्थ स्टील्स एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई, बीएस और एफबी, मुंबई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत जांच शुरू की. मुंबई, पुणे, नई दिल्ली, नागपुर और दुर्ग में विभिन्न स्थानों पर 12 परिसरों में तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान विदेशों और भारत के भीतर विभिन्न अचल संपत्तियों और कंपनियों के स्वामित्व का विवरण (अब तक घोषित नहीं किया गया) पता चला. विभिन्न देशों की विदेशी मुद्राएँ जिनका वर्तमान मूल्य 7 लाऱ रुपये से ऊपर है, के साथ कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और मीडिया भी बरामद किए गए हैं. अभय लोढ़ा द्वारा नियंत्रित शेल संस्थाओं का विवरण भी बरामद किया गया.
ED has arrested Abhay Narendra Lodha, MD of Topworth group after conducting searches operations under PMLA, 2002 on 30.08.2023 at 12 locations in Mumbai, Pune, Nagpur, Durg and Delhi in a case connected with Bank fraud.
— ED (@dir_ed) August 31, 2023
ईडी की जांच में पता चला कि 2014-15 से 2016-17 की अवधि के दौरान लेटर ऑफ क्रेडिट/ट्रेड क्रेडिट बैंक गारंटी (एलसी/टीसीबीजी) की क्रेडिट सुविधा में धोखाधड़ी करके आईडीबीआई बैंक को 63.10 करोड़ रुपये का गलत नुकसान पहुंचाया गया. अभय नरेंद्र लोढ़ा द्वारा नियंत्रित टॉपवर्थ समूह की कंपनियों ने टॉपवर्थ समूह और उससे जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से 3000 करोड़ रुपये की अपराध आय अर्जित की है.