बिहार में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण का दायरा 60 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किए जाने पर गुरुवार को विधानसभा की मुहर लग गई. सर्वसम्मति से बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 और बिहार आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पारित हो गया है.
विधेयक में कहा गया है कि सीधी रिक्तियों से 35 प्रतिशत और आरक्षित कोटे से 65 प्रतिशत भरी जाएंगी. आरक्षित कोटे के उम्मीदवार जो अपने मेरिट के आधार पर चुने जाते हैं, उनकी गणना ओपन मेरिट कोटे की 35 फीसदी रिक्तियों के विरुद्ध की जाएगी, न कि आरक्षण कोटे की रिक्तियों के विरुद्ध. विधानसभा में पेश आरक्षण विधेयक में कहा गया है कि आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य सरकार की सेवाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के सदस्यों का प्रतिनिधित्व अनुपातिक रूप से कम है.
अनुपातिक समानता को प्राप्त करने के लिए उपायों और साधनों को प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है. इसी क्रम में आरक्षण का दायरा बढ़ाया जा रहा है.