बिहार मिशन को लेकर बीजेपी ने बनाया ये मास्टर प्लान, जिसमें अहम है अमित शाह का दौरा?

पटना। बिहार में जेडीयू (JDU) के अलग होने के बाद बीजेपी ने एकला चलो की नीति के तहत अपने तैयारी शुरू कर दी है. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज से अपने दो दिवसीय दौरे पर बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. बिहार में मिशन-2024 का आगाज मुस्लिम बहुल माने जाने वाले सीमांचल से कर रहे हैं. इसके पीछे बीजेपी ने खास रणनीति तैयार की है. नीतीश कुमार से अलग होने के बाद बीजेपी (BJP) की यह पहली बड़ी रैली है. शाह मुख्य रूप से बिहार के उन इलाकों का दौरा कर रहे हैं, जिसे आरजेडी (RJD) के यादव-मुस्लिम समीकरण और महागठबंधन के गढ़ के रूप में देखा जाता है. इसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

क्या रहेगा कार्यक्रम?

गृहमंत्री अमित शाह आज बिहार के सीमांचल एरिया में अपने 2 दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे. वह पूर्णिया के चुनापुर हवाई अड्डे पर सुबह 10 से 10:30 बजे के बीच में उतरेंगे. इसके बाद वह सीधे पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम पहुंचेंगे. यहां सुबह 11:30 बजे से उनकी जनभावना रैली होगी. यहां जनसभा को संबोधित करने के बाद वह सीथे पूर्णिया के चुनापुर हवाई अड्डा वापस जाएंगे और वहां से हेलिकॉप्टर के जरिये किशनगंज पहुंचेंगे. किशनगंज में शाम 4 बजे माता गुजरी विश्वविद्यालय में बिहार बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ वह बैठक करेंगे.

बीजेपी ने क्या बनाई रणनीति?

जेडीयू से अलग होन के बाद अब बीजेपी ने अपने दम पर बिहार फतह करने की तैयारी शुरू कर दी है. नीतीश कुमार के अचानक गठबंधन तोड़ने से भले ही बीजेपी को झटका लगा हो लेकिन इसे बीजेपी खुद के दम पर सरकार बनाने के अवसर के तौर पर भी देख रही है. बीजेपी ने अपना टारगेट भी तय कर लिया है. दरअसल बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 40 में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. खुद अमित शाह ने इसकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है. बीजेपी शुरू से ही सीमांचल को अपने टारगेट पर रखा है, क्योंकि इलाका काफी संवेदनशील माना जाता है. सीमांचल में 40 से 70 फीसदी तक मुस्लिम आबादी है.

क्यों खास है अमित शाह का दौरा?

शाह के दौरे से ठीक एक दिन पहले एनआईए ने देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की है. 11 राज्यों में हुई इस छापेमारी में 100 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इस कार्रवाई में पीएफआई के पूर्णिया कार्यालय में भी छापेमारी हुई है. ऐसे में रैली से पहले आतंकवाद, अलगाववाद और घुसपैठ के खिलाफ इसे कड़ा संदेश माना जा रहा है. दरअसल पुर्णिया पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा हुआ इलाका है. इस इलाके में बड़ी संख्या में घुसपैठ भी होती है. इसी इलाके में बांग्लादेशी और रोहिंग्या अधिक संख्या में है. इन लोगों को पीएफआई अपने टूल के रूप में इस्तेमाल करती है. अमित शाह का दौरा और दौरे के पहले पीएफआई पर कार्रवाई घुसपैठिए और पीएफआई नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

सीमांचल में 24 विधानसभा सीट

सीमांचल के इलाके में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 16 पर महागठबंधन का कब्जा है. कांग्रेस के पांच आरजेडी के पास सात सीटें हैं तो जेडीयू के पास चार सीटें हैं. भले ही यह इलाका मुस्लिम बहुल है, लेकिन यहां अति पिछड़ा और पिछड़ा वोटर की भी अच्छी खासी आबादी है. आरजेडी यहां पर मुस्लिम-यादव समीकरण के जरिए मजबूत मानी जाती है तो जेडीयू मुस्लिम और अतिपिछड़े के दम पर जीतती रही है.

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