नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा नेतृत्व लोकसभा चुनावों की तैयारी को लेकर व्यापक समीक्षा करेगा. साथ ही सांसदों के साथ अलग अलग समूहों में बैठकों में लोकसभा क्षेत्रों और सांसदों की स्थिति का आकलन भी किया जाएगा. समीक्षा के साथ संगठन में भी कुछ बदलाव किए जाने की संभावना है. खासकर राज्यों के प्रभार कुछ राज्यों में संगठनात्मक बदलाव किए जाएंगे.
भाजपा की लोकसभा चुनावों की तैयारी लगातार जारी है. विधानसभा चुनावों के चलते पार्टी ने अपना ज्यादातर ध्यान इन चुनावों पर केंद्रित कर रखा था. पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि विधानसभा चुनाव राज्यों के मुद्दों पर होते हैं, इससे लोकसभा की रणनीति अलग होती है. हालांकि पार्टी इनके नतीजों का भी अध्ययन करेगी और अपनी रणनीति अद्यतन भी करेगी.
राजनीतिक स्थितियों (विपक्षी गातिविधियों पर नजर) के साथ सामाजिक समीकरणों पर खासा जोर रहेगा. मोटे तौर पर दिसंबर के बाद पार्टी का सारा काम लोकसभा चुनावों पर केंद्रित रहेगा. सूत्रों के अनुसार पार्टी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर हर राज्य के संगठन को पूरी तरह चुस्त दुरुस्त करेगी. ऐसे में कुछ राज्यों के साथ केंद्र में भी जरूरी संगठनात्मक बदलाव किए जा सकते हैं. जो नेता चुनाव लड़ेंगे उनमें से कुछ को संगठनात्मक जिम्मेदारी से अलग किया जा सकता है. राज्यवार चुनाव प्रभारियों की तैनाती भी की जाएगी. संगठन के साथ विभिन्न राज्यों के विधायकों को भी चुनावी जिम्मेदारियों से जोड़ा जाएगा.
संसद का यह शीतकालीन सत्र मौजूदा लोकसभा का आखिरी पूर्ण सत्र होगा, क्योंकि अगले साल जनवरी में होने वाला बजट सत्र चुनावों के चलते एक भाग तक ही सीमित रहेगा. ऐसे में सांसदों के साथ संवाद और क्षेत्रवार चर्चा को लेकर यह सत्र अहम होगा.