नागपुर. पूरे देश की निगाहें जब महाराष्ट्र के राजनीतिक उठापटक पर टिकी थीं, उसी बीच अमरावती में एक दवा दुकान मालिक की भी भाजपा के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के कारण चाकू से गोद-गोद कर नृशंस हत्या कर दी गई थी लेकिन सियासी खबरों के बवंडर में यह घटना सुर्खियां नहीं बटोर पाई.
यह घटना राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को हुई कन्हैया लाल की बर्बर हत्या से सात दिन पहले की यानी 21 जून की है. अमरावती में अमित मेडिकल स्टोर का 54 साल का मालिक उमेश प्रह्लाद राव कोल्हे अपने स्टोर को बंद करके उस रात करीब 10.15 बजे अपनी बाइक पर घर वापस लौट रहा था.
उमेश कोल्हे का 27 साल का बेटा संकेत कोल्हे और पत्नी वैष्णवी उसके पीछे एक स्कूटर पर थे. एमसीएनएच स्कूल के पास प्रभात चौक पहुंचने पर दो अज्ञात लोगों ने अचानक उमेश कोल्हे को रोक लिया.
उनमें से एक हमलावर ने कोल्हे की गर्दन पर चाकू से लगातार वार किए. इसी बीच एक और हमलावर वहां आ गया. कोल्हे गिर गया तो तीनों आरोपी अपनी बाइक पर भाग गए. अपने पिता को गिरा देखकर संकेत ने अपना स्कूटर रोका और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया. उमेश कोल्हे का खून लगातार बह रहा था और उसने अस्पताल में तत्काल दम तोड़ दिया.
गृह मंत्रालय ने अब इस जांच की बागडोर एनआईए को सौंप दी है. पुलिस ने अब तक इस मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के पक्ष में किए गए कोल्हे के पोस्ट से उसके कुछ मुस्लिम ग्राहक खफा थे और इसी वजह से उसकी हत्या कर दी गई.
उदयपुर की घटना ने जहां देशभर में कट्टरता के क्रूर रूप को लेकर नये सिरे से चर्चाओं को जन्म दिया है, वहीं अमरावती में हुई घटना महाराष्ट्र के राजनीतिक ड्रामे में लोगों की निगाह में नहीं आ पाई. भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद डॉ अनिल बोंडे ने अमरावती मामले की विस्तृत जांच की मांग की है. उनका कहना है कि मास्टर माइंड अब भी फरार है.