
अगर आप कार या बाइक खरीदने का मन बना रहे हैं तो जान लीजिए, एक तारीख के बाद बनी गाड़ियों के दाम बढ़ने वाले हैं. ऐसा नए उत्सर्जक मानक बीएस 6 स्टेज 2 के लागू होने के कारण हो सकता है.
वर्ष 2020 में जब बीएस 6 स्टेज 1 मानक लागू हुए थे तो कारों के दाम में करीब 50 हजार रुपये की वृद्धि हुई थी. अब नए मानक लागू करने पर कंपनियों की लागत में जो वृद्धि होगी वे पिछली बार की तरह इस बार भी इसे ग्राहकों पर जरूर डालेंगी.
विशेषज्ञों के मुताबिक नए उपकरणों और लगने वाले नए सॉफ्टवेयर पर आने वाले खर्च को ऑटो कंपनियां उपभोक्ता पर डालेंगी.
इसका दूसरा पहलू यह भी है कि ऑटोमोबाइल कंपनियां पुराने मानक वाले वाहन का स्टॉक निकालने के लिए 31 मार्च तक तगड़ी छूट का ऑफर भी दे सकती हैं.
छोटी कारों के दाम पर ज्यादा असर
वाहन निर्माता पहले से तैयार बीएस 6 स्टेज 1 गाड़ियों का स्टॉक खत्म होने तक इनकी सेल जारी रखेंगे और इनके खत्म होने के बाद सिर्फ बीएस 6 स्टेज 2 मानकों के अनुसार ही गाड़ियां तैयार करेंगी. नए मानक लागू होने के बाद छोटी कारों, खासतौर पर डीजल इंजन की कारों की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
50,000 रुपये तक महंगी होंगी कारें
ऑटो मोबाइल सेक्टर के विशेषज्ञ इस बात की संभावना जता रहे हैं कि कारों के दाम मॉडलों के अनुसार, 15,000 से 50,000 रुपये और शुरुआती स्तर के दो पहिया वाहनों की कीमत करीब 10 फीसदी तक बढ़ सकती है. कमर्शियल वाहनों के दाम में भी पांच फीसदी तक का इजाफा देखने को मिल सकता है.
बीएस 6 स्टेज 2 उत्सर्जन मानक है जो भारतीय बाजार में मिलने वाली गाड़ियों को यूरो 6 स्टेज के बराबर लाकर खड़ा कर देगा. इनसे कारों की उत्पादन लागत बढ़नी तय है. बीएस 6 स्टेज 1 में छूटी कुछ कमियों को पूरा करते हुए यह वर्तमान प्रदूषण नियंत्रक मानकों को पूरा करेगा. बीएस 6 स्टेज 2 गाड़ियों में एक ऐसा उपकरण भी लगाना होगा जो चलती गाड़ी में ही उत्सर्जन के स्तर पर नजर रख सके. उत्सर्जन का स्तर ज्यादा होने पर यह उपकरण चेतावनी देगा. वहीं चिप को भी अब नए मानकों के अनुसार अपडेट करना होगा.