कनाडा लगातार खालिस्तानी गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है. इसकी जांच कर रही एनआईए को कई ऐसे ठोस तथ्य जांच में मिले हैं जिनसे पता चलता है कि कनाडा में खालिस्तानी समूह आईएसआई की सांठगांठ से भारत विरोधी गतिविधियां खुलेआम चला रहे हैं. यही नहीं कनाडा सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने की वजह से खालिस्तानी आतंकी समूह बेखौफ हो रहे हैं.
कनाडा के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका सहित कई देशों में खालिस्तान समर्थक गतिविधियां बढ़ी हैं. पिछले कुछ महीनों में विदेशी जमीन पर भारतीय दूतावासों पर हुए हमले की जांच एनआईए कर रही है. सूत्रों ने कहा कनाडा सरकार ने जिस तरह का रुख अपनाया है उससे एनआईए की जांच पर भी असर पड़ सकता है. गौरतलब है कि इसी साल जून में कनाडा के सरे स्थित गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के करीब दो अज्ञात हमलावरों ने चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रमुख खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मार कर हत्या कर दी थी. भारतीय एजेंसी एनआईए ने निज्जर को भगोड़ा घोषित कर रखा था. सूत्रों का कहना है कि इस मामले में भारतीय एजेंसियों का नाम घसीटकर कनाडा सरकार खालिस्तान समर्थको के दबाव में काम कर रही है. जबकि भारत की एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि इससे उनका कोई लेना देना नहीं है.
पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवार की मई में हत्या की खबर सामने आई. वह खालिस्तान कमांडो फोर्स के शीर्ष नेताओं में शामिल था. भारतीय दूतावास पर हमले की योजना बनाने वाले खालिस्तानी समर्थक अवतार सिंह खांडा की मौत की खबर भी सामने आई. सूत्रों का कहना है कि आपसी कलह और इन मौतों के कारण इन संगठन बौखलाहट में हैं. खालिस्तानी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख और कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू भी दहशत में है.
भारत के लिए नई ट्रेवल एडवाइजरी जारी की
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ने के साथ कनाडा ने अपने देश के नागरिकों को नई ट्रेवल एडवाइजरी जारी. इसमें कहा कि लोग अप्रत्याशित सुरक्षा हालात के कारण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की यात्रा करने से बचें. इसमें क्षेत्र में आतंकवाद, नागरिक अशांति और अपहरण का खतरा बताया गया.