बाल यौन शोषण से जुड़ी चीजों की ऑनलाइ शेयरिंग के खिलाफ सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने बड़ी कार्रवाई की. जांच एजेंसी ने शनिवार को 20 राज्यों के 56 ठिकानों पर दबिश दी है. CBI की तरफ से इसे ‘ऑपरेशन मेघचक्र’ नाम दिया गया है. खबर है कि इंटरपोल सिंगापुर से मिले इनपुट और बीती साल अंजाम दिए गए ऑपरेशन कार्बन के दौरान हासिल की गई जानकारी के आधार पर छापे मारे गए हैं. CBI ने सर्क्युलेशन ऑफ चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉइटेशन मटेरियल (CSEM) के दो मामलों को लेकर एक्शन लिया गया है. खबर है कि अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कथित तौर पर CSEM शेयर करने में शामिल लोगों की शुरुआती जानकारी इंटरपोल न्यूजीलैंड से मिली थी.
उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सीबीआई को इंटरपोल की सिंगापुर स्थित क्राइम अगेंस्ट चाइल्ड यूनिट से इंटरनेट पर ऐसी सामग्री की बिक्री और वितरण के बारे में जानकारी मिली थी.
इसके बाद अपराध में शामिल आरोपियों के पूरे नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए 200 से ज्यादा सीबीआई अधिकारियों की विभिन्न टीमें गठित की गईं.
“हमें पता चला है कि आरोपी द्वारा बाल यौन शोषण सामग्री के वितरण में क्लाउड स्टोरेज का उपयोग किया जा रहा है. हमें इनपुट मिले और इसे अपने दम पर विकसित किया. हमने तकनीकी निगरानी के आधार पर उनके ठिकाने का पता लगा लिया है और अब हम उनका पता लगा रहे हैं.
ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन मेघचक्र’ नाम दिया गया है.
सूत्रों ने कहा कि चल रहे ऑपरेशन छापे का एक अनुवर्ती था जो नवंबर 2021 में उसी अपराध के संबंध में आयोजित किया गया था.
उस समय इसे ‘ऑपरेशन कार्बन’ नाम दिया गया था.
संघीय जांच एजेंसी द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहयोग चैनलों का उपयोग उन आरोपियों के पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए किया गया है जो ऑनलाइन चाइल्ड पोर्न वितरित कर रहे हैं.