राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को केंद्र की मंजूरी

नई दिल्ली . केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के तहत चार अलग-अलग केंद्र बनाने को मंजूरी दे दी है. मिशन पर आठ वर्षों में छह हजार करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और जितेंद्र सिंह ने इस बाबत जानकारी दी.
चार केंद्र होंगे स्थापित
जितेंद्र सिंह ने बताया कि मिशन के तहत क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलाजी व क्वांटम सामग्री एवं उपकरण के क्षेत्र में चार केंद्र बनाए जाएंगे. इन्हें चोटी के शैक्षणिक और शोध-अनुसंधान से जुड़े क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा. इस मिशन से संचार, स्वास्थ्य, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों के साथ-साथ दवाओं के निर्माण और अंतरिक्ष तकनीक में बहुत लाभ होगा. यह डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को भी पूरा करने में मदद करेगा. इस मिशन का संचालन विज्ञान और तकनीक विभाग करेगा. इसमें एक मिशन निदेशक होंगे और उनकी सहायता के लिए एक गर्वनिंग बाडी होगी, जिसकी अध्यक्षता तकनीक और उद्योग के क्षेत्र के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक अथवा उद्यमी करेंगे.
उच्च संवेदनशीलता से लैस मैग्नेटोमीटर विकसित होगा उन्होंने कहा कि यह मिशन सटीक समय, संचार और नौवहन के लिए परमाणु प्रणालियों और परमाणु घड़ियों में उच्च संवेदनशीलता से लैस मैग्नेटोमीटर विकसित करने में मदद करेगा.
अगले सत्र में आएगा पाइरेसी रोकने वाला बिल
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने के बाद सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा. इस विधेयक में फिल्म के प्रमाणन के लिए भी नए प्रविधान हैं. अभी तक किसी फिल्म को यू, ए और यूए श्रेणी में वर्गीकृत करने का प्रविधान रहा है, लेकिन प्रस्तावित विधेयक में आयु समूह के आधार पर फिल्मों का व्यापक वर्गीकरण होगा. यू का मतलब बिना प्रतिबंध के सभी के देखने योग्य होता है, जबकि ए श्रेणी केवल वयस्क दर्शकों के लिए है. इसी तरह यूए भी प्रतिबंधमुक्त सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए होता है, लेकिन 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे माता-पिता की निगरानी, परामर्श और सहमति से ही इसे देख सकते हैं.
उन्होंने बताया कि क्वांटम तकनीक का उपयोग संचार, स्वास्थ्य, फार्मा, वित्तीय क्षेत्र, ऊर्जा, रक्षा, डाटा सुरक्षा मामलों में हो सकता है. क्वांटम में सामान्य कंप्यूटर से कई गुना अधिक डेटा बेहद कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है.