वन नेशन, वन इलेक्शन पर केंद्र ने कमेटी बनाई:पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अध्यक्ष होंगे

एक  देश, एक चुनाव के मामले पर मोदी सरकार गंभीरता के साथ विचार कर रही है. यही नहीं इसकी संभावनाओं पर विचार के लिए सरकार ने एक समिति का गठन कर दिया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बनाए गए हैं. इस संबंध में जल्दी ही नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है. दरअसल केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र भी बुलाया है, जिसका एजेंडा अभी तक नहीं बताया है. लेकिन कयास लग रहे हैं कि शायद विशेष सत्र एक देश एक चुनाव को लेकर ही बुलाया गया है. हालांकि सरकार की ओर से अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जी-20 देशों की मीटिंग के बाद ही विशेष सत्र का एजेंडा तय किया जाएगा. लेकिन अब समिति के गठन के बाद यह कयास और तेज हो गए हैं कि विशेष सत्र ‘एक देश एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए ही बुलाया गया है. लेकिन एक सवाल यह भी है कि क्या ‘एक देश एक चुनाव’ पर बनाई गई समिति 15 दिनों में ही अपनी रिपोर्ट सौंप देगी, जिस पर संसद में चर्चा हो पाए. ऐसे में संसद के विशेष सेशन को लेकर अब भी कयास ही चल रहे हैं.

क्या है वन नेशन-वन इलेक्शन

वन नेशन-वन इलेक्शन या एक देश-एक चुनाव का मतलब हुआ कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हों. आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं. उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई. इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई.

Related Articles

Back to top button