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‘चीता मित्र चीतों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे चीता मित्रों से बात करते हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 2 चीते छोड़े. यह दोनों चीते वहीं हैं जो कल ही नामीबिया से 8 चीते विशेष विमान से भारत पहुंचे. चीतों को पार्क में छोड़ने के बाद पीएम ने वहां मौजूद चीता मित्रों से भी बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो अब वायरल हो रहा है. पीएम मोदी ने चीता मित्रों को किसी के भी दबाव में नहीं करने सलाह दी. उन्होंने कहा कि अभी कई लोग आप पर चीते को दिखाने के लिए दबाव बनाएंगे, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है.

चीतों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए शिवराज सरकार ने 450 से अधिक चीता मित्र नियुक्त किए हैं. ‘चीता मित्र’ लोगों को चीते की जीवनशैली और तौर-तरीकों के बारे में जागरूक करेंगे. चीता मित्र लोगों को बताएंगे कि चीतों से डरने की दरकार नहीं है. चीते इंसानों पर हमला नहीं करते. कई बार ऐसा होता है कि लोग चीता और तेंदुआ में फर्क नहीं कर पाते हैं. इसी फर्क को समझाने के लिए ‘चीता मित्रों’ की बहाली की गई है. चीता मित्र लोगों को बताएंगे कि अगर कोई चीता किसी कारणवश जंगल से भाग जाए तो घबराने की आवश्यकता नहीं है. इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दें.

प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों से कहा, “आप जैसे ही यह काम शुरू करोगे, सबसे पहली मुसीबत क्या आने वाली है? सबसे बड़ी समस्या नेता लोग करेंगे, मेरे जैसे. आपको बताया गया होगा कि थोड़े दिनों तक चीता देखने के लिए नहीं आना है. उन्हें अभी यहां के मौसम में ढलने देना है. इसके बाद वे बड़ी जगह पर जाएंगे, वहां इन्हें ढलने देना है. लेकिन हम नेता लोग आ जाएंगे. नेताओं के रिश्तेदार आ जाएंगे. टीवी वाले आ जाएंगे. आप पर दबाव डालेंगे. अफसरों पर दबाव डालेंगे.”

पीएम मोदी चीता मित्रों से आगे कहते हैं, ‘यह आपका काम है कि किसी को घुसने नहीं देना. मैं भी आऊं तो मुझे घुसने नहीं देना. मेरे नाम से मेरा कोई रिश्तेदार भी आ जाए तो उन्हें भी घुसने नहीं देना. जब तक चीतों के यहां के मौसम में व्यवस्थित होने का समय पूरा नहीं होता है, तब तक किसी को घुसने नहीं देना.’

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