छत्तीसगढ़ में मलेरिया से दो मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. इन मरीजों का इलाज झोलाछाप द्वारा किया जा रहा था.
कोटा टेंगनमाड़ा के ग्राम करवा में मलेरिया से 2 बालक की मौत हो गई. दोनों सगे भाई हैं. परिजन झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवा थे. लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया. तबीयत खराब होने के 4 दिन बाद दोनों भाइयों की मौत हो गई. इस घटना के बाद सीएमएचओ ने जांच करने के निर्देश दिए हैं. झोलाछाप डॉक्टर की जानकारी जुटाई जा रही है.
इन दिनों कोटा क्षेत्र में डायरिया व मलेरिया का प्रकोप फैला है. बुधवार को स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली कि टेंगनमाड़ा निवासी इरफान (15) व इमरान (12) पिता जब्बल खान की मलेरिया से मौत हो गई. सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने मौके पर पहुंची. पूछताछ में परिजन ने बताया कि इरफान व इमरान की तबीयत 4 दिनों से खराब थी. बुखार व ठंड की शिकायत थी. गांव के झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवा रहे थे.
झोलाछाप डॉक्टर गायब
दोनों बच्चों की मलेरिया से मौत होने के बाद इलाज करने वाला झोलाछाप डॉक्टर गायब हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम तलाश कर रही है. सीएमएचओ ने अपील की है कि किसी भी व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर वे झोलाछाप डॉक्टर के पास न जाएं. स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच कराएं. डॉक्टर की सलाह से दवाई लें.
4 मरीजों का चल रहा इलाज
16 जुलाई को ग्राम टीटीचार में मलेरिया के 4 मरीज मिले थे. जिसमें एक मरीज की हालत गंभीर थी. डॉक्टरों की टीम मरीजों का इलाज कर रही है. इसके अलावा, कोटा के महामाया पारा, लारीगांव, लखराम, नेवसा, कलमीटार में डायरिया के मरीज मिले हैं. जिनका इलाज चल रहा है.