रायपुर. सुप्रसिद्ध लोक गायिका लता खापर्डे जी के आकस्मिक निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से कामना की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लता ने छत्तीसगढ़ी बोली और लोक संगीत के उत्थान के लिए जो किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
लोक कला के लिए जीवन किया समर्पित छत्तीसगढ़ की माटी से जुड़ी सुप्रसिद्ध कलाकार लता ने 6 साल की उम्र से ही लोक कलाकार दाऊ रामचंद्र देशमुख के सान्निध्य में रहकर छत्तीसगढ़ी लोक कला के क्षेत्र की विधा में निपुण हुई. इसके बाद उन्होंने खुमान साव और हबीब तनवीर जैसी मशहूर शख्सियतों के साथ काम किया. हबीब तनवीर के ‘नया थिएटर’ से वे लंबे समय तक जुड़ी रहीं. हबीब तनवीर के कई नाटकों में लता खापर्डे का बेहतरीन अभिनय उस जमाने के लोग आज भी याद करते हैं. इस तरह लोक संस्कृति और कला के लिए गायिका Lata Khaprde ने अपना जीवन समर्पित कर दिया.
लता खापर्डे ने लगभग सभी लोक गायक व कलाकार के साथ काम किया. इस दौरान उन्होंने 80 के दशक से लेकर आज के आधुनिक कला संस्कृति के अनुसार लगभग 400 से अधिक गानों की रिकॉर्डिंग की है. लता खापर्डे ने लोक मंचो के साथ साथ छत्तीसगढ़ आकाशवाणी और दूरदर्शन में भी काम किया और अपनी गायिकी के जरिए नया मुकाम हासिल किया. विवाह गीतों पर रिसर्च करने के लिए भारत सरकार ने उन्हें फैलोशिप भी दी थी. लता खापर्डे ने दो दिन पहले ही अपने 2 गाने रिकॉर्ड किए थे.