जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रोग्राम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ अपने पांच दशक पुराने रिश्तों को याद किया. जयपुर में उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में धनखड़ से उनकी ‘जादूगरी का राज’ पूछा, जिसके चलते बंगाल की CM ममता बनर्जी ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया.
अपने जवाब में धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक फैसले कैसे लिए जाते हैं, इसके बारे में गहलोत और अन्य नेता बता सकते हैं. इसके साथ ही धनखड़ ने उस फैसले के लिए ममता बनर्जी का आभार जताया. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को उपराष्ट्रपति धनखड़ को सम्मानित किया गया, जो मूल रूप से राजस्थान के ही हैं.
‘आपका जादू मेरी समझ में नहीं आया’
इस मौके पर गहलोत ने धनखड़ के साथ अपने लगभग पांच दशक पुराने राजनीतिक और घरेलू संबंधों को याद किया. उन्होंने उस वक्त को भी याद किया, जब धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे और उनकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच खींचतान चलती रहती थी.
गहलोत ने कहा, ‘आप (धनखड़) तीन साल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे और इन तीन साल में मेरे ख्याल से ऐसा कोई दिन नहीं गया जब धनखड़ साहब और ममता बनर्जी चर्चा में नहीं रहे हों. और उसके बाद कौन सा ऐसा जादू आपने किया कि उन्हीं ममता बनर्जी ने आपके (धनखड़) उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने पर आपको जिताने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ‘गैरहाजिर’ रहने का फैसला किया. यह राज क्या है. ये राज अभी तक मेरी समझ में नहीं आया.’
गहलोत ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘आपने ममता बनर्जी पर क्या जादू किया जबकि जादूगर तो मैं हूं. आपने कैसे जादू कर दिया. मुझसे बड़ा भी जादूगर कोई है क्या हिंदुस्तान में, मैं यह आपसे समझना चाहता हूं.’
‘मैं राजनीति से परे हूं’
जवाब में धनखड़ ने कहा, ‘मुख्यमंत्री जी ने पूछा है कि वह कौनसा जादू है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने, वो फैसला लिया… मैं राजनीति से परे हूं, राजनीतिक फैसले कैसे और किस आधार पर लेते हैं इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे ही रोशनी डाल सकते हैं.’