रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर में ‘शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय‘ का निरीक्षण किया। यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के आदिवासी वीरों को समर्पित है और 45 करोड़ की लागत से बन रहा है। लगभग 10 एकड़ भूमि पर चल रहे इस निर्माण कार्य में आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने मूर्तियों और कलाकृतियों का अवलोकन किया और शिल्पकारों से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ट्रायबल म्युजियम छत्तीसगढ़ के जनजातीय गौरव का प्रमुख केंद्र बनेगा। संग्रहालय में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की शौर्यगाथाएं और बलिदान प्रदर्शित होंगे। अधिकारियों और निर्माण एजेंसी को उच्च गुणवत्ता और समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए गए। यह संग्रहालय युवाओं को अपने इतिहास से परिचित कराने के साथ-साथ आदिवासी संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।
संग्रहालय में 15 गैलरियां बनाई जा रही हैं, जो विभिन्न विद्रोहों और जनजातीय जीवनशैली को प्रदर्शित करेंगी। इनमें हल्बा, सरगुजा, भोपाल-पट्टनम, और अन्य विद्रोहों के मॉडलों के साथ-साथ जनजातीय जीवन की वस्तुएं भी शामिल होंगी।
मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस निरीक्षण में उपस्थित थे। संग्रहालय में शहीद वीर नारायण सिंह की फाइबर प्रतिमा, स्मारक, फांसी स्थल और लैंडस्केप का निर्माण होगा।
संग्रहालय में रिसेप्शन, सोविनियर शॉप, फूड कोर्ट, और मल्टीमीडिया रूम जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। छत पर सोलर सिस्टम और मुख्य प्रवेश द्वार पर जनजातीय आर्ट वर्क से सजावट की जाएगी।
क्यूरेटर प्रबल घोष की अगुआई में विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकार मूर्तियों और कलात्मक कलाकृतियों पर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आदिम जाति अनुसंधान संस्थान की लाइब्रेरी का भी अवलोकन किया, जिसमें ‘आदि नाद‘ पुस्तक में QR कोड के माध्यम से वाद्ययंत्र की धुन सुनी जा सकती है।