सड़क सुरक्षा को लेकर विभागों की उच्च स्तरीय बैठक संपन्न
मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में सड़क सुरक्षा को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक में सड़क हादसों को रोकने सहित यातायात व्यवस्था सुधारने के प्रयास किए गए. लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने और उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए.
मुख्य सचिव श्री जैन ने विभिन्न सड़कों पर अधिक हादसों वाले ब्लैक स्पॉट पर जन सहयोग से सीसीटी किया है. V. कैमरा कैसे स्थापित करें, इस पर निर्देश. उन्होंने सड़कों पर जानवरों की आवाजाही को रोकने के लिए उचित प्रयास करने को कहा है. इसमें स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाएगा. बैठक में अधिकारियों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण सहित अन्य विभागों द्वारा सड़क सुरक्षा के तहत होने वाले हादसों को कम करने के लिए उचित प्रयास करने के निर्देश दिए गए. मुख्य सचिव ने पुलिस एवं परिवहन विभाग को सड़क हादसों पर काबू पाने के लिए बिना हेलमेट व ओवरलोडिंग, तेज गति व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. वाहनों की सघन जांच कर तेज गति को नियंत्रित करने के लिए स्पीड गवर्नर लगाने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वर्चुअल कोर्ट केस के निराकरण की भी समीक्षा की.
मुख्य सचिव श्री जैन ने सड़क हादसों की रोकथाम और सुरक्षित यातायात के लिए चालकों को प्रशिक्षण देने पर भी विशेष बल दिया. उन्होंने काले धब्बों को चिह्नित करने के बाद उन्हें ठीक करने के लिए तत्काल कार्रवाई के भी निर्देश दिए. इसी प्रकार बैठक में दुर्घटना पीड़ितों के शीघ्र उपचार की व्यवस्था, राज्य में ट्रामा सेंटर की स्थिति, पाठ्य पुस्तकों में यातायात शिक्षा सामग्री को शामिल करने तथा यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान की कार्रवाई तथा यातायात नियमों के अनुपालन आदि पर विस्तार से चर्चा की गयी. बैठक. . इसके अलावा उन्होंने राज्य की सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने और ग्रामीण सड़कों के मुख्य मार्ग से जुड़ने वाले जंक्शन से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए, जिसमें सड़कों में संकेत और चेतावनी बोर्ड भी शामिल हैं.
बैठक में डीजीपी श्री अशोक जुनेजा ने सूक्ष्म स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण और विश्लेषण करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया. इसके लिए होने वाले हादसों की समय पर जानकारी रखते हुए सड़क हादसों को कम करने के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा गया है. परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा ने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए स्कूली बसों और टैक्सी वाहनों पर ओवरलोडिंग, वाहनों की फिटनेस, स्ट्रीट गवर्नर लगाने और पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं. निर्भया फंड का इस्तेमाल सड़क हादसों की रोकथाम के लिए किया जाएगा.
बैठक में अंतर-विभागीय प्रमुख एजेंसी सड़क सुरक्षा एवं संयुक्त परिवहन आयुक्त श्री संजय शर्मा ने बताया कि वर्ष 2019 में प्रदेश में ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई के तहत 15 करोड़ 96 लाख लोगों को सड़क सहायता के लिए जन सहयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए कहा गया है. दुर्घटना पीड़ित 2020 में 43 करोड़ 43 लाख और वर्ष 2021 में 01 अरब 7 करोड़ सेटलमेंट फीस वसूल की गई. बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021 में प्रदेश में हुए 12 हजार 375 सड़क हादसों में 5371 लोगों की मौत हुई और 10 हजार 683 लोग घायल हुए. 6981 सड़क दुर्घटनाएं. दुर्घटना में होने वाली मौतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सभी संबंधित विभागों को विशेष बल दिया गया और ड्राइवरों के क्षमता विकास के लिए प्रशिक्षण के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए. इस वर्ष जनवरी से जून तक कुल एक लाख 87 हजार 155 प्रकरणों में चालान कर 6 करोड़ 88 लाख 75 हजार 750 रुपये की वसूली की गयी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में सचिव सामान्य प्रशासन विभाग डीडी सिंह, स्वास्थ्य विभाग सचिव श्रीमती. शेहला निगार, सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, लोक निर्माण विभाग और शहरी प्रशासन, स्वास्थ्य, राष्ट्रीय राजमार्ग आदि के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.