चंडीगढ़. पंजाब के पटियाला की एक अदालत ने गुरुवार को प्रमुख भांगड़ा-पॉप गायक दलेर मेहंदी की 19 साल पुराने मानव तस्करी मामले में दो साल की जेल के खिलाफ याचिका खारिज कर दी और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. उन्हें मार्च 2018 में अपने भाई के साथ दोषी ठहराया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एच.एस. ग्रेवाल की अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद दलेर मेहंदी को हिरासत में ले लिया गया.
पुलिस ने गायक, उनके भाई शमशेर सिंह – जिनकी अक्टूबर 2017 में मृत्यु हो गई थी – और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने लोगों को विदेश ले जाने के बहाने 1 करोड़ रुपये तक लिये.
शिकायतकर्ता बख्शीश सिंह ने आरोप लगाया कि सौदा कभी पूरा नहीं हुआ और दलेर ने पैसे भी वापस नहीं किए.
मामला 2003 में पटियाला में दर्ज किया गया था. दलेर मेहंदी को बाद में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया.
पुलिस ने पहले अदालत के सामने दो याचिकाएं दायर की थीं, जिसमें कहा गया था कि दलेर मेहंदी की इस मामले में इस मामले में मौजूदगी की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनका आव्रजन धोखाधड़ी से कोई लेना-देना नहीं था, जिसे ‘कबूतरबाजी’ कहा जाता है.
गायक को अक्टूबर 2003 में उनके भाई के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था, जब शिकायतकर्ता ने कहा था कि राशि नहीं लौटाई गई.
पुलिस अधिकारियों ने जांच के बाद कहा था कि गायकों और अन्य कलाकारों ने पंजाब के युवाओं को संगीत मंडलों का हिस्सा बनाकर अवैध रूप से पंजाब से पश्चिमी देशों में ले जाने के लिए एक सुव्यवस्थित रैकेट में शामिल हो गए. प्रत्येक मामले में युवाओं से 20 लाख रुपये तक वसूले गए.
लेकिन जब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की कि दलेर मेहंदी का आव्रजन धोखाधड़ी के मामले से कोई लेना-देना नहीं है, तो शिकायतकर्ता ने गायक को रिहा किए जाने पर फिर से अदालत का रुख किया. उसने कहा कि दोनों भाइयों ने उसे ठगा है.
दलेर मेहंदी की गिरफ्तारी पटियाला के एक पुलिस स्टेशन में 2003 में काफी विवादास्पद रही. पूछताछ के दौरान कुछ जूनियर पुलिस अधिकारियों ने दलेर को कपड़े उतारने के लिए कहा था. जमानत पर रिहा होने से पहले उन्होंने कुछ दिन लॉक-अप में बिताए.