
सेना कमांडरों के सम्मेलन में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच चीनी गतिविधियों को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को सतर्क किया है. उन्होंने कहा कि सेना चीन के साथ सीमा पर किसी भी तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने में सक्षम है. पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा के बारे में उन्होंने कहा कि दुश्मन की ओर से परोक्ष युद्ध जारी है, लेकिन सेना आतंकवाद का करारा जवाब दे रही है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन सीमा पर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि तनाव कम करना ही सबसे बेहतर कदम है. थल सेना चीन से लगी एलएसी पर कड़ी निगरानी रखे, क्योंकि चीनी सैनिकों की तैनाती को देखते हुए उत्तरी क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. सैन्य कमांडरों को संबोधित करते हुए राजनाथ ने सशस्त्रत्त् बलों से आह्वान किया कि वे विश्व भर में हो रहे भू-राजनीतिक परिवर्तनों पर गौर करें और अपनी योजना और रणनीतियों को उस अनुसार ढालने का प्रयास करें.
सेना के कमांडरों का पांच दिवसीय सम्मेलन सोमवार को दिल्ली में शुरू हुआ. इसमें चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और बल की युद्धक क्षमता में वृद्धि के तौर-तरीकों पर मंथन किया जा रहा है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार और एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने भी कमांडरों को संबोधित किया. इस दौरान कहा गया कि हमारे सशस्त्रत्त् बलों, खासकर भारतीय थल सेना को एलएसी की सुरक्षा के लिए लगातार सतर्कता बरतनी होगी.
सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि सरकार का भरसक प्रयास है कि सीमा पर तैनात हर जवान को अत्याधुनिक हथियार और सुविधाएं मुहैया कराई जाएं.
तैयारियों का आकलन जरूरी राजनाथ ने कहा कि विभिन्न अनिश्चितताओं के कारण भविष्य के युद्ध काफी अप्रत्याशित होंगे. उन्होंने कहा, आज के बदलते समय में, खतरों और हथियारों का दायरा काफी व्यापक हो गया है. इसे ध्यान में रखते हुए अपनी रक्षा तैयारियों का आकलन करने की आवश्यकता है.