नई दिल्ली. उपभोक्ताओं को सस्ता खाद्य तेल उपलब्ध कराने की सरकार की कोशिशों का असर दिखना शुरू हो गया है. इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 31 अगस्त तक सभी पाम तेल उत्पादों से कस्टम ड्यूटी खत्म कर दी है. भारत करीब 60 फीसदी पॉम तेल का आयात इंडोनेशिया से करता है. भारत अभी अपनी खपत का 45 तेल उत्पादन खुद करता है. इसमें 39 हिस्सा सरसों तेल का है.
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार खाद्य तेलों पर आयात शुल्क एक बार घटा चुकी है. इसे और कम किया जाए तो आयात पर निर्भरता बढ़ती जाएगी और हमारे किसानों के लिए ऑयलसीड्स उत्पादन फायदेमंद नहीं रहेगा. उनके मुताबिक बार-बार आयात शुल्क घटाना अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक होगा.
अडानी विल्मर ने 30 रुपये तक दाम घटाए
फॉर्च्यून ब्रांड के तहत उत्पादों की बिक्री करने वाली खाद्य तेल कंपनी अडानी विल्मर ने तेल की वैश्विक स्तर पर कीमतों में गिरावट के बीच खाद्य तेल की कीमतों में 30 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करने की सोमवार को घोषणा की. इससे पहले मदर डेयरी ने सोयाबीन और राइस ब्रान आयल के दामों 14 रुपये लीटर की कटौती की थी.