रायपुर. भारत निर्वाचन आयोग ने देश के विभिन्न राज्यों के बूथ लेवल ऑफिसरों के साथ आयोजित पारस्परिक संवाद सत्र में एक नए डिजिटल प्रकाशन, ‘बीएलओ ई-पत्रिका’ का विमोचन किया. विमोचन कार्यक्रम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों (सीईओ) के कार्यालय से 350 से भी अधिक बीएलओ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से और निकटवर्ती राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली के 50 बीएलओ इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से जुड़े. इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आयोग के यूट्यूब चैनल
पर किया गया एवं इसे 10 लाख से भी अधिक बीएलओ के साथ साझा किया गया ताकि वे इसमें भाग ले सकें. कार्यक्रम के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग के यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/eci से 25 हजार से भी अधिक सब्सक्राइबर जुड़े और दो लाख 40 हजार व्यूज प्राप्त हुए.
आयोग के साथ पारस्परिक संवाद सत्र के दौरान बूथ लेवल आफिसरों ने अत्यंत उत्साहपूर्वक अपने अनुभवों और उन चुनौतियों को साझा किया जिनका वे अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करने के दौरान सामना करते हैं. साथ ही, उन्होंने अपनी कामयाबी की कहानियां भी साझा की. यह अपने आप में पहला ऐसा आयोजन था जिसमें आयोग द्वारा देश भर के बूथ लेवल आफिसरों के साथ प्रत्यक्ष संवाद किया गया. इस आयोजन के दौरान निर्वाचन आयोग के वरिष्ठं अधिकारियों और सभी राज्यों. के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों ने (वीडियो कांफ्रेंस के माध्यठम से) भाग लिया.
प्रतिभागियों को सम्बोसधित करते हुए मुख्य. निर्वाचन आयुक्ति राजीव कुमार ने यह बात मानी कि सबसे कारगर फील्ड स्तरीय व्यवस्था, लोगों के साथ आयोग के प्रत्यक्ष संपर्क सूत्र और लोकतंत्र को सशक्त करने में उनकी सहभागिता को सहज करने के नाते बूथ लेवल ऑफिसर भारत निर्वाचन आयोग तंत्र के आधार खंडों के रूप में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं. सद्य: स्फूर्त काव्यगत वर्णन करते हुए श्री कुमार ने कहा, “बीएलओ निर्वाचन आयोग के स्वरुप के रूप में साकार हैं, आयोग का व्यवहार है, आयोग की दृष्टि और स्वर भी हैं, इसीलिए आप सब का अत्यंत आभार है”. श्री कुमार ने बूथ लेवल आफिसरों को आश्वस्त किया कि आयोग बूथ लेवल आफिसर व्यवस्था की खूबियों को जानता है जो अपनी बहुमुखी मौजूदगी से मतदाताओं के लिए सेवाओं की ‘डोर स्टेप’ प्रदायगी सुनिश्चित करते हैं. बूथ लेवल आफिसर देश भर में प्रत्येक मतदाता के लिए सूचना के प्राथमिक स्रोत होते हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आगे कहा कि बीएलओ ई-पत्रिका शुरू करने के पीछे अभिप्राय यह है कि एक सुभिज्ञ एवं प्रेरित बूथ लेवल आफिसर के लिए सूचना का सोपानित मॉडल सुनिश्चित किया जाए.
बीएलओ पत्रिका के विमोचन कार्यक्रम के दौरान निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय ने कहा कि इस द्विमासिक ई-पत्रिका को शुरू करने का विचार आयोग की एक नई पहल है. श्री पाण्डेय ने कहा कि वस्तुत: यह पत्रिका त्रिमार्गीय संप्रेषण के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है अर्थात यह बूथ स्तर तक अनुदेशों को साझा करने, फीडबैक और सफलता की कहानियों को साझा करने तथा अंतर-राज्यीय सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है. बीएलओ व्यवस्था की उत्पत्ति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि विगत समय में प्रत्येक पांच वर्ष में तैयार होने वाली मतदाता सूची किस प्रकार कम्प्यूटरीकृत निर्वाचन डाटाबेस और बाद में वर्षवार अद्यतनीकरण के साथ फोटो निर्वाचक नामावली में रूपांतरित हो गई. उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से यह आह्वान किया कि वे बूथ स्तर पर कुशल और प्रेरक जनशक्ति तैय़ार करने के लिए निरंतर बीएलओ के संपर्क में रहें और उनके क्षमता निर्माण, डिजिटल ज्ञान और उन्हें पेश आ रही चुनौतियों को दूर करने की दिशा में कार्य करें.
वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, धर्मेंद्र शर्मा और सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचक सहभागिता (स्वीप) प्रभाग के प्रभारी नीतेश व्यास ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानतया समावेशी, अद्यतन और त्रुटिमुक्त निर्वाचक नामावली जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और सहभागी निर्वाचनों के लिए पहला कदम है, का सुनिश्चय करने के लिए आयोग द्वारा वर्ष 2006 में बूथ लेवल आफिसरों की व्यवस्था का सूत्रपात किया गया था. श्री व्यास ने यह भी बताया कि समय के साथ-साथ बूथ लेवल आफिसरों ने भारत निर्वाचन आयोग प्रणाली में कार्य करने की अपेक्षाकृत नई प्रौद्योगिकीय रूप से उन्नत पद्धतियों के प्रति स्वयं को अनुकूलित कर लिया है.
इस द्विमासिक ई-पत्रिका की विषय-वस्तु में ईवीएम-वीवीपैट प्रशिक्षण, सूचना प्रौद्योगिकी एप्लीकेशन, विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, मतदान बूथों पर न्यूनतम स्वीप कार्यकलाप, डाक मतपत्र सुविधा, सुगम निर्वाचन, निर्वाचक साक्षरता क्लब, विशेष मतदाता जागरूकता पहल और राष्ट्रीय मतदाता दिवस जैसे विषय शामिल किए जाएंगे. इसमें बीएलओ के साथ अनौपचारिक वार्तालाप, उनकी सफलता की कहानियां और देशभर की सर्वोत्तम पद्धतियां भी शामिल की जाएंगी. इस ई-पत्रिका की भाषा सरल, संप्रेषणात्मक और निदर्शनात्मक होगी. यह पत्रिका अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी. बीएलओ ई-पत्रिका का अंग्रेजी और हिंदी संस्करण भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https://ecisveep.nic.in/ebook/BLO-E-Patrika-en/index.html और https://ecisveep.nic.in/ebook/BLO-E-Patrika-hindi/index.html पर या भारत निर्वाचन आयोग के ट्विटर हैंडल @ECISVEEP पर पढ़ा जा सकता है. इसे गरुड़ एप पर भी अपलोड किया गया है.