जी-20 शिखर सम्मेलन में जलवायु खतरों से निपटने के लिए हरित ईंधन पर जोर

नई दिल्ली . भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की शुरुआत करते हुए सभी देशों से इससे जुड़ने का आह्वान किया है. इसके तहत पेट्रोल में एथेनाल या किसी अन्य जैव ईंधन को 20 फीसदी तक मिश्रित करने का प्रावधान है. इसका मकसद जलवायु खतरों से निपटने के लिए हरित ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 के पहले सत्र ‘एक धरती’ में संबोधन के दौरान शनिवार को यह प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि सभी देश ईंधन मिश्रण के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करें. हमारा प्रस्ताव है कि पेट्रोल में इथेनॉल (मिश्रण) ब्लेंडिंग को वैश्विक स्तर पर 20 फीसदी तक ले जाने के लिए पहल की जाए. या फिर विश्व के लिए हमें कोई और ब्लेंडिंग मिक्स निकालने पर काम करना होगा, जिससे ऊर्जा आपूर्ति बनी रहे और जलवायु भी सुरक्षित रहे. इस सन्दर्भ में आज हम ग्लोबल बायोफ्यूल एलांस लॉन्च कर रहे हैं. भारत सबको इससे जुड़ने के लिए आमंत्रित करता है.
ग्रीन क्रेडिट इनीशिएटिव की शुरुआत होनी चाहिए मोदी ने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए दशकों से कार्बन क्रेडिट की भी चर्चा चल रही है. कार्बन क्रेडिट इस भावना पर बल देता है कि क्या नहीं करना चाहिए. यह एक नकारात्मक नजरिया है. इस कारण अक्सर इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाता कि क्या सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए. सकारात्मक कदमों के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था का अभाव है. इसलिए सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए जी-20 देशों को ग्रीन क्रेडिट इनीशिएटिव की शुरुआत करनी चाहिए.
लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट मिशन की शुरुआत एक पृथ्वी की भावना से ही भारत ने लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट मिशन की शुरुआत की है. भारत के आग्रह पर और आप सबके सहयोग से पूरा विश्व इस साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर मना रहा है. यह भी जलवायु सुरक्षा की भावना से जुड़ा हुआ है. इसी भावना के साथ कॉप-26 में भारत ने हरित ग्रिड इनीशिएटिव वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड लॉन्च किया था. आज भारत दुनिया के उन देशों में है, जहां बहुत बड़े पैमाने पर सोलर क्रांति हो रही है.
करोड़ों किसान प्राकृतिक खेती अपना रहे भारत के करोड़ों किसान अब प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं. यह मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ भूमि तथा पृथ्वी के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का भी बहुत बड़ा अभियान है. हमने भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन भी लांच किया है. भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान इस दिशा में कई कदम उठाए हैं. मोदी ने कहा कि जलवायु चुनौती को ध्यान में रखते हुए एनर्जी ट्रांजिशन, इक्कीसवीं सदी के विश्व की बहुत बड़ी आवश्यकता है. समग्र ऊर्जा रूपांतरण के लिये खरबों डालर की जरूरत है. स्वाभाविक रूप से इसमें विश्व के विकसित देशों की बहुत बड़ी भूमिका है.
सकारात्मक पहल भारत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ के सभी देशों को खुशी है कि विकसित देशों ने इस साल यानि 2023 में एक अहम् सकारात्मक पहल की है. विकसित देशों ने जलवायु वित्त के लिए अपने अरब डॉलर के वादे को पूरा करने की पहली बार इच्छा जाहिर की है. हरित विकास समझौते को अपना कर जी-20 ने सस्टेनेबल और हरित ऊर्जा विकास के प्रति अपने दायित्वों का भी निर्वहन किया है.