कृषि एवं किसान कल्याण विभाग 2018-19 से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके नवाचार और कृषि-उद्यमिता को प्रोत्साहित करना हैI स्टार्टअप के प्रशिक्षण एवं इनक्यूबेशन और इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और 24 आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर्स (आर-एबीआई) को नियुक्त किया गया है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत आइडिया/प्री सीड स्टेज पर 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कृषि और संबद्ध क्षेत्र में उद्यमियों/स्टार्टअप को अपने उत्पादों, सेवाओं, व्यापार प्लेटफार्मों आदि को बाजार में लॉन्च करने और उन्हें आगे बढ़ने में सुविधा प्रदान करने के लिए शुरुआती स्तर पर 25 लाख रुपये दिए जाएंगे।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्थापित 5 केपी और 24 आर-एबीआई द्वारा स्टार्ट-अप को प्रशिक्षित और इनक्यूबेट किया जाता है। भारत सरकार विभिन्न हितधारकों के साथ जोड़कर कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए कृषि-स्टार्टअप कॉन्क्लेव, कृषि मेले और प्रदर्शनियों, वेबिनार और कार्यशालाओं सहित विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित करती है।
“नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम के अंतर्गत 2019-20 से 2023-24 तक विभिन्न केपी और आर-एबीआई के माध्यम से कुल 1708 कृषि स्टार्टअप को किस्तों में 122.50 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई हैं। स्टार्टअप्स को प्रदान की गई वित्तीय सहायता का वर्षवार विवरण इस प्रकार है:
स्टार्टअप्स को जारी की गई कुल निधि (किस्तों में) करोड़ रुपये में
2019-20 3.13
2020-21 27.43
2021-22 20.34
2022-23 24.35
2023-24 47.25
कुल 122
यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है ।