एक मार्च से लेकर 10 मई तक गर्मी के सीजन का 72 दिन गुजर चुका है। इस बार अप्रैल में ही पारा 43 डिग्री पर पहुंचने के साथ ही 37 साल का पुराना रिकॉर्ड टूट चुका है। आगे असानी तूफान कमजोर होने से पारा 43 डिग्री पहुंचने के साथ ही गर्मी बढ़ने का अनुमान है। झुलसाने वाले इस मौसम का असर सिर्फ लोगों पर ही नहीं बल्कि फल, फूल, सब्जियों व फसलों पर भी पड़ रहा है। जिससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लोग भी प्रभावित हो रहे है, क्योंकि उत्पादन कम होने से दाम बढ़ रहा है।
एक माह में टमाटर का दाम 6 गुना बढ़ गया है। गर्मी का पेड़, पौधों पर असर हो रहा है। अर्जुन्दा के किसान गोविंदा पटेल ने बताया कि परसतराई-अर्जुन्दा मुख्य मार्ग किनारे 11 एकड़ रकबे में टमाटर व लौकी लगाया हूं, अभी तेज गर्मी व अन्य कारण से उत्पादन में 75% की कमी आई है, फूल बन रहे लेकिन फल नहीं, जिसमें फल आ रहा है, वह छोटा है।
पहले एक दिन में जितने कैरेट टमाटर भेज रहे थे, उसके लिए अब 4-5 दिन का समय लग रहा। दूसरे राज्य से ट्रेन फिर रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव होते हुए वाहनों के माध्यम से टमाटर यहां पहुंचता है। जिसके चलते दाम बढ़ जाता है। अभी इसके दाम कम होने की उम्मीद कम है।