देश के किसान ही असली वैज्ञानिक-इंजीनियरः मुर्मु

नई दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि सभ्यता की शुरुआत से ही हमारे किसान ही असली इंजीनियर और वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने मानवता की भलाई के लिए प्रकृति की उर्जा व उदारता का उपयोग किया है.
उन्होंने कहा कि पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों के संरक्षण के मामले में भारतीय कानून का विश्व एक मॉडल के रूप में अपना सकता है. जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच इसका महत्व बढ़ा है.
राष्ट्रपति ने यह बात मंगलवार को किसानों के अधिकारों पर प्रथम वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही है. भारत ने पौधों की किस्मों एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम पेश करके बढ़त हासिल की है जोकि खाद्य एवं कृषि के लिए पादप अनुवांशिकी संसाधन पर अंतरराष्ट्रीय संधि से जुड़ा है.
भारत ने पंजीकृत किस्मों के गैर ब्रांडेड बीजों के उपयोग, पुन उपयोग, सुरक्षा, बिक्री और साझा करने सहित किसानों को विविध अधिकार प्रदान किए हैं. किसान अपनी किस्मों (बीजों की) का भी पंजीकरण करा सकते हैं.