Nationalअन्य ख़बरें

फास्टैग भी हो जाएंगे पुराने, इस नए तरीके से वसूला जाएगा हाईवे पर टोल टैक्स

सरकार टोल टैक्स कलेक्शन के लिए नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है. अगर यह अमल में आता है तो फास्टैग बहुत जल्द पुराने जमाने का टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम रह जाएगा. केंद्र सरकार जीपीएस सेटेलाइट टेक्नोलॉजी की मदद से टोल टैक्स वसूलने की तैयारी में है. अभी यह पूरा काम फास्टैग के जरिये होता है जो कि गाड़ी के शीशे पर लगा होता है. फास्टैग को रिचार्ज करना होता है और गाड़ी ज्योंहि टोल प्लाजा से गुजरती है, प्लाजा पर लगे आरएफआईडी रीडर फास्टैग से पैसे काट लेते हैं. इसमें चालक को कुछ नहीं करना होता. सूत्रों के मुताबिक, सेटेलाइट के आधार पर चलने वाला टोल कलेक्शन सिस्टम अभी पायलट प्रोजेक्ट में चल रहा है

बता दें कि टोल प्लाजा पर 2018-19 के दौरान वाहनों का औसत प्रतीक्षा समय आठ मिनट था. फास्टैग की शुरुआत के साथ 2020-21 और 2021-22 के दौरान वाहनों के लिए औसत प्रतीक्षा समय ​​घटकर 47 सेकेंड हो गया है. हालांकि, शहरों के पास और घनी आबादी वाले इलाकों में व्यस्त समय के दौरान टोल प्लाजा पर अब भी कुछ देरी होती है.

नई टेक्नोलॉजी में ऐसा नहीं होगा क्योंकि आपकी गाड़ी जितनी दूरी तय करेगी, उसी आधार पर टोल का पैसा कटेगा. इसके लिए दो टेक्नोलॉजी पर काम हो रहा है. पहली टेक्नोलॉजी में वाहन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगा होगा, जो हाईवे पर सैटेलाइट के जरिये वाहन मालिक के बैंक खाते से सीधे टोल का पैसा काटने में मदद करेगा. दूसरी तकनीक नंबर प्लेट के जरिये टोल वसूली की है. नंबर प्लेट में टोल के लिए एक कंप्यूटराइज्ड सिस्टम लगा होगा जो सॉफ्टवेयर की मदद से टोल वसूलने में मदद करेगा. इस तकनीक में हाईवे पर जिस पॉइंट से गाड़ी प्रवेश करेगी, वहां उसकी जानकारी दर्ज हो जाएगी. इसके बाद जिस पॉइंट पर गाड़ी हाईवे से बाहर जाएगी, वहां भी दर्ज हो जाएगी. इस दौरान जितने भी किलोमीटर वाहन हाईवे पर चला होगा, उस हिसाब से वाहन मालिक के बैंक खाते से टोल काट लिया जाएगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!