महिला टीचर ने हनुमान जी के नाम की अपनी एक करोड़ की संपत्ति, पति और बेटों के व्यवहार से दुखी

श्योपुर जिले में एक महिला शिक्षक ने अपनी संपत्ति मंदिर को दान कर दी है. शिक्षिका की 1 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की संपत्ति है. अपनी वसीयत उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के नाम कर दी. उसमें ये भी लिखा कि मेरा अंतिम संस्कार भी पंच और मंदिर ट्रस्ट के लोग करें. मामला श्योपुर जिले के विजयपुर नगर का है. खितरपाल गांव के शासकीय विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका शिवकुमारी जादौन ने अपना आलीशान मकान, प्लाट, शासन से मिल रहा वेतन, जीवन बीमा पॉलिसी की राशि, सोने चांदी के आभूषण से लेकर करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की संपत्ति को विजयपुर के प्रसिद्ध छिमछिमा हनुमान मंदिर ट्रस्ट के नाम कर दिया है.
महिला ने अपने पति और बेटों के व्यवहार से परेशान होकर एक करोड़ की प्रॉपर्टी मंदिर के नाम कर दी है. इतना ही नहीं महिला ने अपने परिवार वालों से अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया है. उन्होंने बकायादा वसीयतनामे में यह लिखवाया है कि मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार घरवाले नहीं, बल्कि मंदिर ट्रस्ट ही करे.
महिला शिक्षक न तो मानसिक रूप से बीमार है और नहीं उसे किसी तरह की दिमाग से जुड़ी कोई बीमारी है. बल्कि, मन के सुकून के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है. शिवकुमारी जादौन का मानना है कि इंसान जीवन भर धन माया के मोह में फंसा रहता है. जबकि, सच्चा सुख ईश्वर की भक्ति में है. ऐसा नहीं है कि उन्होंने अपनी नौकरी त्याग दी हो. बल्कि, वह पहले की ही तरह रोजाना विद्यालय पहुंच कर बच्चों को पढ़ाती हैं. समय से स्कूल जाती हैं और समय से वापस आती हैं. वह ईश्वर से बहुत प्रेम करती हैं.
सुबह से लेकर रात तक वह भगवान का स्मरण करती हैं. पूजा पाठ करना उनके जीवन का सबसे अहम हिस्सा बन गया है. उनका मानना है कि, वह कहीं मोह माया में न पड़ जाएं, इसलिए उन्होंने अपने जीवनभर की पूंजी को हनुमान मंदिर ट्रस्ट के नाम किया है.