
लोन ऐप, गेमिंग ऐप और ट्रेडिंग ऐप का शिकार बनाकर लाखों लोगों को ठगने वाले चीन के पांच नागरिक लापता हो गए हैं. नोएडा और हैदराबाद की जांच एजेंसियों को साक्ष्य मिले हैं कि वे यहां से भागकर चीन और हांगकांग पहुंच गए हैं और वहीं से ठगी के अपने सर्वर को संचालित कर रहे हैं. इस संबंध में अब जांच एजेंसियों द्वारा केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी.
जांच में लगी एसटीएफ अब तक 13 चीनी नागरिकों को गिरफ्तार कर चुकी है. जांच में कुछ अन्य चीनी नागरिकों के नाम भी सामने आए थे. ये चीनी नागरिक ही इस ठगी के खेल के बड़े खिलाड़ी हैं. भारत में गेमिंग, ट्रेडिंग और लोन ऐप चलाने के मामले में सबसे अहम नाम जिंडी का सामने आया है, जिसके खिलाफ हैदराबाद में भी मुकदमा दर्ज है और नोएडा में भी चीन के नागरिकों का पूरा जाल उसने ही फैलाया था. इसके अलावा एक महिला समेत चार अन्य चीन के नागरिकों की भी इस गिरोह में संलिप्तता मिली है.
जाल फैलाने में जिंडी है अहम जांच अधिकारियों के अनुसार ठगों का मुख्य केंद्र नोएडा और हैदराबाद हैं. नोएडा में इनके द्वारा 100 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर उनके माध्यम से भी पैसे को बाहर भेजने का काम किया गया. इसमें उनकी मदद कुछ भारतीयों ने भी की, जिन्हें उन्होंने अपनी कंपनियों में निदेशक बनाया था.
विदेश में बैठे सरगना तक पहुंचना मुश्किल
एसटीएफ की जांच में खुलासा हो चुका है कि चीन के साइबर ठगों का भारत में केंद्र दिल्ली की गफ्फार मार्केट है. ऐप के सर्वर चीन, हांगकांग और सिंगापुर से संचालित हो रहे हैं. चीन के ठगों को भारत में साइबर ठगी करने वाले अनेक गिरोहों का साथ मिल चुका है, जिनके माध्यम से वे ठगी में भारतीय बैंक खातों का प्रयोग कर रहे हैं और ठगी के पैसों को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन भेजा जा रहा है. इनके सरगना वर्तमान में चीन, सिंगापुर और हांगकांग में बैठे हुए हैं, जो वहीं से पूरे मामले को संचालित कर रहे हैं. उन तक पहुंचना मुश्किल है.