जदयू के पूर्व अध्यक्ष 75 वर्षीय शरद यादव का गुरुवार रात गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया. उनकी बेटी सुभाषिनी ने ट्वीट किया, ‘पापा नहीं रहे’. उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत तमाम नेताओं ने शोक जताया.
बता दें शरद यादव मधेपुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार प्रतिनिधित्व किया था. दो बार मध्यप्रदेश के जबलपुर से सांसद चुने गए. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बदायूं से भी संसद चुने गए थे. कहा जा सकता है कि शरद यादव संभवतः भारत के पहले ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने तीन राज्यों से लोकसभा के सदस्य के तौर पर चुने थे. शरद यादव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के ( NDA ) के संयोजक थे. हालांकि 2013 में उनकी पार्टी द्वारा एनडीए से अलग होने के बाद उन्होंने संयोजक पद से त्याग पत्र दे दिया था.
शरद यादव वर्ष 1997 में जनता दल के अध्यक्ष चुने गए थे. वे वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. छात्र राजनीति से संसद तक का सफर तय करने वाले शरद यादव ने मध्य प्रदेश मूल के होते हुए भी राजनीतिक जीवन की धुरी बिहार और यूपी की सियासत से बनाई. छात्र राजनीति में कॉलेज की पंचायत से लेकर संसद तक उनकी आवाज गूंजती रही. यादव ने बिहार के मधेपुरा लोकसभा सीट से चार बार चुनाव जीता. दो बार मध्यप्रदेश के जबलपुर से और एक बार यूपी के बदायूं से सांसद रहे. यादव का जन्म एक जुलाई 1947 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में हुआ था.