चीनी के निर्यात पर रोक लगा सकती है सरकार

केंद्र सरकार गेहूं और चावल के बाद चीनी के निर्यात पर रोक लगा सकती है. बताया जा रहा है कि इस साल बारिश की वजह से कम उत्पादन की आशंका, त्योहारी मौसम में मांग और महंगाई की स्थिति को देखते हुए सरकार ये फैसला ले सकती है. गन्ना पेराई के नए सीजन में यह प्रतिबंध प्रभावी हो सकता है. पेराई का सीजन अक्टूबर महीने से शुरू होकर अगले साल मार्च महीने तक जारी रहता है.
दरअसल, साल 2021-22 में रिकॉर्ड 11 मिलियन टन चीनी बेचने के बाद सरकार ने साल 2022-23 के चीनी सीजन की शुरुआत में चीनी निर्यात करीब 6 मिलियन टन तक तय कर दिया था, जिससे देश के घरेलू बाजार में चीनी की आपूर्ति बिना रुकावट के चलती रहे और कीमतों पर रोक लगाई जा सके.
ऐसे में एक बार फिर सरकार बैन लगाकर देश में चीनी की कीमतों पर लगाम लगाने का काम करेगी. सरकार की प्राथमिकता घरेलू बाजार में कीमतों पर रोकथाम लगाना है.
देश में पैदा होने वाली चीनी का 50 प्रतिशत उत्पादन महाराष्ट्र और कर्नाटक में होता है. लेकिन दोनों ही राज्यों में आधे से कम बारिश हुई है, जिसके कारण उत्पादन में कमी होने की संभावना है. हालांकि बारिश की कमी का जो आंकड़ा अगस्त में 10 प्रतिशत था, वो सितंबर में हुई बारिश के कारण पांच प्रतिशत तक आ गया है. हाल ही में केंद्रीय खाद्य सचिव ने कहा था कि देश में चीनी का पर्याप्त भंडार है. यह साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है.