दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे और चौथे चरण की पाबंदियों में ढील दी गई है। अब स्कूल और कॉलेज 12वीं तक की कक्षाएं हाइब्रिड मोड (ऑफलाइन और ऑनलाइन) में चला सकेंगे। इससे छात्रों और अभिभावकों को राहत मिलेगी।
GRAP में ढील का निर्णय क्यों लिया गया?
- शिक्षा पर प्रभाव: GRAP के प्रतिबंधों से छात्रों की पढ़ाई और शिक्षा की गुणवत्ता पर असर हो रहा था।
- मिड-डे मील और संसाधन: कई छात्र मिड-डे मील और ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ नहीं उठा पा रहे थे।
- बोर्ड परीक्षाएं: 10वीं और 12वीं के छात्रों की बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी बाधित हो रही थी।
हाइब्रिड मोड में पढ़ाई का मॉडल
- ऑफलाइन: जिन छात्रों के पास संसाधन नहीं हैं, वे स्कूल आ सकते हैं।
- ऑनलाइन: छात्रों और अभिभावकों को विकल्प दिया गया है कि वे घर से पढ़ाई करें।
दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे इस नए मॉडल के तहत कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित करें।
वायु गुणवत्ता: गंभीर स्थिति बरकरार
- सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 349 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।
- स्मॉग की परत सुबह से ही छाई रही, जिससे आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ीं।
- आनंद विहार और शादीपुर समेत 30 इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही।
मौसम विशेषज्ञों की राय
- हवा की धीमी गति: प्रदूषकों का फैलाव कम हो रहा है।
- मौसमी दशाएं प्रतिकूल: स्मॉग की मोटी चादर बनने से हवा की गुणवत्ता और खराब हो रही है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति के बीच हाइब्रिड मोड में स्कूल खोलने का निर्णय छात्रों की शिक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। हालांकि, वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान निकालने के लिए दीर्घकालिक उपायों की जरूरत है।