मुंबई. महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और डिप्टी स्पीकर के फैसले के खिलाफ एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. बता दें कि शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने और 15 अन्य बागी विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा भेजे गए अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. एकनाथ सिंद ने कार्रवाई को ‘गैर-कानूनी और असंवैधानिक’ करार देते हुए कोर्ट से इस पर रोक लगाने का निर्देश देने की अपील की है.
एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दी हैं 2 अर्जियां
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अगुवाई में बागी गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दो अर्जियां दी हैं. पहली अर्जी में शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर की ओर से भेजे गए अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी है. याचिका में शिंदे गुट ने लिखा है कि डिप्टी स्पीकर को हटाने के प्रस्ताव पर फैसला होने तक कोर्ट ये निर्देश दे कि अयोग्यता नोटिस पर कोई कार्रवाई ना की जाए. दूसरी याचिका में शिंदे खेमे ने अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्ति को भी चुनौती दी है. इसके साथ ही शिवसेना के सुनील प्रभु को चीफ विहिप के तौर पर नियुक्त किए जाने के फैसले को भी चुनौती दी गई है.
कपिल सिब्बल और हरीश साल्वे होंगे आमने-सामने
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की वेकेशन बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. कोर्ट में शिवसेना की ओर से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी अपना पक्ष रखेंगे, जबकि एकनाथ शिंदे गुट की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए हरीश साल्वे को हायर किया है. जबकि, डिप्टी स्पीकर की ओर से वकील रवि शंकर जंध्याल कोर्ट में पैरवी करेंगे.
शरद पवार ने दोहराई उद्धव ठाकरे के साथ होने की बात
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) रविवार देर शाम दिल्ली पहुंच गए. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये दोहराया कि वो अब भी उद्धव ठाकरे के साथ हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की ही सरकार है.
महाराष्ट्र में सरकार गिरने का खतरा
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और शिवसेना के विधायकों का बड़ा हिस्सा 22 जून से असम की राजधानी गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए है. बागी विधायकों ने राज्य की महा विकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिससे सरकार गिरने का खतरा उत्पन्न हो गया है.
शिंदे के नेतृत्व वाला विद्रोही समूह मांग कर रहा है कि शिवसेना को महा विकास आघाड़ी गठबंधन से हट जाना चाहिए, लेकिन शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हार मानने से इनकार कर दिया है और पार्टी ने अब असंतुष्टों से कहा है कि वे इस्तीफा दें और फिर से चुनाव लड़ें. बता दें कि एमवीए में कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हैं.