छोटे-छोटे बच्चे, जिनका खुद का वजन 10-15 किलो होता है, वो भी 5 से 6 किलो तक के स्कूल बैग अपने कंधों पर लादने को मजबूर हैं. इतना भारी बस्ता उठाने में बच्चों को कितनी दिक्कतें होती हैं, ये तो वहीं जानते हैं. इस चक्कर में कई बार बच्चे अनबैलेंस होकर गिर भी जाते हैं. सोशल मीडिया पर आजकल ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आपको भी बच्चे पर दया आ जाएगी. दरअसल, इस वीडियो में एक छोटा सा बच्चा अपनी पीठ पर भारी बैग लादने के चक्कर में पीछे की ओर धड़ाम से गिर पड़ता है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि मास्क पहने एक व्यक्ति एक छोटे से बच्चे की पीठ पर बैग लटकाता दिख रहा है, लेकिन जैसे ही बच्चा बैग लटका कर आगे बढ़ने के लिए तैयार होता है, उसका बैलेंस बिगड़ जाता है और उस बैग के बोझ की वजह से वह पीछे की ओर गिर जाता है, जिसके बाद वह शख्स उसे उठाता है. यह वीडियो देखने के बाद तो किसी को भी बच्चे पर दया आ जाएगी कि इतनी छोटी उम्र में उसे कितना बोझ उठाना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में भला उसका मन पढ़ाई में कैसे लगेगा.
बैग के भार को लेकर न कोई नियम है न कानून. कान्वेंट स्कूलों के अपने-अपने नियम हैं. अपनी शर्तें हैं. इसके बदले में वह अभिभावकों से मोटी रकम वसूल कर इसका भार उनकी जेब पर तो डाल ही रहे हैं, वहीं बच्चों के कंधों पर बैग का भार इतना है कि सहा नहीं जा रहा है. पर हैरानी इस बात की है कि यह नजर सभी को आ रहा है, फिर भी सब बेखबर हैं. हालात यह है कि ‘कान्हा का बैग ‘बलराम से भी भारी है.
मसलन छोटी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र का बैग ज्यादा वजन है, जबकि बड़ी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र के बैग का भार उससे कम है. कॉपी, किताबों से भरे बड़े-बड़े बैग लादकर बच्चे गिरते और लड़खड़ाते चले जा रहे हैं. कमर तिरछी होती जा रही है… स्कूल बैग कंधे से बार-बार नीचे तक आ जा रहे है. बच्चे उसे फिर उसे संभालते हैं, खिसकाते हैं, इस तरह की तस्वीरें हर रोज आपको शहर के सभी कान्वेंट स्कूलों के बाहर नजर आ जाएंगी.
लोगों को इमोशनल कर देने वाले इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर आईपीएस अधिकारी प्रहलाद मीना ने शेयर किया है और कैप्शन में लिखा है, ‘बस्तों के बोझ तले दबता बचपन’. महज 6 सेकंड का यह वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहा है. लोग वीडियो देखने के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं