जब पेट में गैस ज्यादा बनने लगती है तो इससे सीने में जलन, ब्लोटिंग और खाने-पीने से जुड़ी समस्याएं होने लगती है. लेकिन इसके पीछे कारण क्या है, आईये जानते हैं.
पेट में गैस बनने की समस्या आज कल आम हो गई है. हर दूसरा व्यक्ति पेट में गैस बनने की शिकायत करता है. लेकिन कभी आपने सोचा है आखिरकार ये समस्या आज कल इतनी ज्यादा क्यों बढ़ गई है. दरअसल, इसके पीछे एक बड़ा कारण है हमारी खराब लाइफस्टाल.
पेट में गैस बनने के 10 कारण
- हाई कार्बोहाइड्रेट डाइट का सेवन
हमारा खाना सबसे पहले हमारी पेट से जुड़ा हुआ है. इसलिए हम जो भी खाते हैं उसके रिएक्शन शुरू हो जाता है. ऐसे में हाई कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स का सेवन कई बार नुकसानदेह हो सकता है. दरअसल, जब कार्ब्स प्रभावी रूप से नहीं टूटते हैं, तो वे पेट या कोलन में अपच का कारण बनते हैं. फिर आंत के बैक्टीरियाइसको फर्नेटेंट करने लगते हैं, ये गैस बनाता है और पेट फूलने का कारण बनता है. ऐसे में ध्यान रखें कि जैसे कि ओट्स, केला, शकरकंद, संतरा और रोटी जैसे फूड्स सेवन करते समय ध्यान रखें कि इन्हें आराम से पहले चबा-चबा कर खाएं. - हाई फ्रुक्टोज फूड्स खाना
हाई फ्रुक्टोज फूड्स (High fructose foods) जैसे कि फ्रुक्टोज आमतौर पर छोटी आंत में अवशोषित होता है, लेकिन अधिक मात्रा में फ्रुक्टोज का सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है. जहां बैक्टीरिया फ्रुक्टोज को फर्मेटेंट करते हैं. इससे हाइड्रोजन और मीथेन गैसें निकलती हैं, जो दर्द, सूजन, पेट फूलना और दस्त का कारण बनती हैं. ऐसा कुछ सेब, अंगूर, तरबूज जैसे फलों को खाने से भी होता है. इसके अलावा कई मीठे चीजों का सेवन भी शरीर के लिए नुकसानदेह है. - प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन
प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन गैस बनाने का कारण बन सकता है. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे कि पैकेज्ड वाले फूड जैसे ब्रेड, स्नैक फूड, अनाज और चॉकलेट सभी शरीर में शरीर में गैस बनने का कारण बनत हैं. जी हां, आपको यह जान कर हैरानी हो सकती है इनमें फ्रुक्टोज और लैक्टोज सहित कई तरह के तत्व होते हैं. इस संयोजन से गैस बढ़ाती हो सकती है. पाचन तंत्र में समस्याएं पैदा कर सकती है और कई लाइफस्टाइल वाली बीमारियों जैसे कि डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है. इसके अलावा इन्हें बहुत अधिक या बहुत जल्दी खाने से भी सिस्टम ओवरलोड हो सकता है और बैक्टीरिया को अधिक भोजन पहुंचा सकता है, जो गैस उत्पन्न करता है. यह गैस और सूजन पैदा करके असहज कर सकती है. - दही-दूध वाले लैक्टोज वाले फूड्स
लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) वाले लोगों को दूध से बनी किसी भी चीज से दिक्कत होती है. दरअसल, दूध में पाए जाने वाला प्रोटीन और शुगर कई बार शरीर पूरी तरह से पचा नहीं पाता है. नतीजतन, उन्हें डेयरी उत्पाद खाने या पीने के बाद दस्त, गैस और सूजन होती है. इसमें लैक्टोज नहीं पच पाता है और इसके लक्षण शरीर को असहज करने लगते हैं. ऐसे में आपको पहले ये देखना चाहिए कि दूध, पनीर और आई क्रीम को खाने के बाद गैस की समस्या होती है, तो इसे खाने से बचें.
- कार्बोनेडेट ड्रिंक्स का सेवन
कार्बोनेटेड ड्रिंक में घुली हुई कार्बन डाइऑक्साइड होती है, जो आपके पेट में शरीर के तापमान को गर्म करने पर गैस बन जाती है. कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से बार-बार डकार आ सकती है क्योंकि आपका पेट कार्बन डाइऑक्साइड गैस के कारण फैलता है. इसके अलावा इन ड्रिंक्स में शुगर की मात्रा भी ज्यादा होती है जो कि गैस का कारण बन सकती है. - स्मोकिंग करना
स्मोकिंग करना शरीर के लिए कई प्रकार से नुकसानदेह हो सकता है. सिगरेट पीने से फेफड़े और श्वसन तंत्र ही नहीं पूरे शरीर पर असर पड़ता है.जब धुआं शरीर में जाता है, तो वह पेट और आंतों में भी जाता है. - अघुलनशील फाइबर का ज्यादा सेवन
अघुलनशील फाइबर पानी में नहीं घुलता है और इसलिए कोलन बैक्टीरिया द्वारा सही से नहीं पच पाता है. ऐसे में फूड्स का सही से ना पच पाना गैस का कारण बनता है. जैसे कि बीन्स, पत्तोगोभी, ब्रोकली और दालों का सेवन गैस पैदा करता है. इसके अलावा लंबे समय के लिए इसका ना पच पाना शरीर के लिए कई अन्य परेशानियों को कारण भी बन सकता है. - बहुत तेजी से खाने या पीने से
बहुत तेजी से खाने या पीने से एरोगैफिया (aerogaphia) की समस्या हो सकती है. इसमें हवा का अधिक निकल लेना गैस का कारण बन सकता है. इससे शरीर में सूजन हो सकती है. साथ ही ये ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है. यह आमतौर पर तेजी से खाने या पीने, च्युइंग गम चबाने, धूम्रपान करने के कारण होता है.
- कब्ज और जीआरडी की समस्या के कारण
कब्ज और जीआरडी की समस्या के कारण भी लोगों को गैस की समस्या होती है. कब्ज को आमतौर पर एक सप्ताह में तीन से कम मल त्याग करने के रूप में वर्णित किया जाता है. हालांकि कभी-कभी कब्ज बहुत आम है, कुछ लोगों को पुरानी कब्ज का अनुभव होता है. साथ ही कब्ज अत्यधिक तनाव का कारण भी बन सकती है. - इरिटेबल बॉएल सिंड्रोम और छोटी आंत में बैक्टीरिया का ज्यादा बढ़ना
इरिटेबल बॉएल सिंड्रोम(Irritable bowel syndrome) या छोटी आंत में बैक्टीरिया जा ज्यादा बढ़ना (small intestinal bacterial overgrowth) भी गैस का कारण बनता है. छोटे आंतों के बैक्टीरिया इतना बढ़ जाता है कि कई बार से ऊपरी आंत एस्पिरेट को प्रभावित करने लगता है. ऐसे में लोग पेट दर्द या बेचैनी, सूजन, पेट फूलना और दस्त का अनुभव करते हैं.
तो, इन तमाम कारणों से शरीर में गैस की समस्या होती है. इसलिए आप इन चीजों के सेवन और इन स्थितियों से बचे की कोशिश करनी चाहिए. इसके अलावा पेट में गैस बनने से बचने के लिए आपको संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए जिसमें कि कोई भी चीज यानी कि चाहे वो फैल हो या कार्ब कुछ भी ज्यादा ना हो.